चंडीगढ़, 1 जनवरी: हरियाणा के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्याम सिंह राणा ने बुधवार को विभागीय अधिकारियों के साथ बजट पूर्व चर्चा की। बैठक में राज्य के पशुपालकों और पशुधन के विकास के लिए नई योजनाओं पर विचार किया गया। मंत्री ने पशुपालकों के हित में योजनाओं के क्रियान्वयन को तेज करने पर जोर दिया।
लावारिश पशुओं की समस्या का समाधान
मंत्री राणा ने लावारिश पशुओं की समस्या को जड़ से खत्म करने का संकल्प लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहरी क्षेत्रों को लावारिश मवेशियों से मुक्त किया जाए। इन पशुओं को गोशालाओं में पुनर्वासित करने और उनकी निगरानी के लिए जियो-टैगिंग तकनीक अपनाने का सुझाव दिया गया। इसके अलावा, गोशालाओं का विस्तार और मेगा गोशालाओं की स्थापना को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया।
स्थानीय नस्लों को मिलेगा बढ़ावा
बैठक में हरियाणा की स्वदेशी नस्लों, जैसे हरियाणा गाय और मुर्रा भैंस को प्रोत्साहन देने की योजना पर चर्चा की गई। मंत्री ने नस्ल सुधार कार्यक्रमों को तेज करने और मवेशी प्रजनन केंद्रों की स्थापना की संभावनाओं पर जोर दिया।
मोबाइल पशु चिकित्सा क्लीनिक शुरू होंगे
राज्य के पशुधन को त्वरित और सुलभ चिकित्सा सेवाएं देने के लिए मोबाइल पशु चिकित्सा क्लीनिक शुरू करने की योजना पर भी विचार किया गया। इस योजना से दूरदराज के इलाकों में पशुपालकों को बड़ी राहत मिलेगी।
पशुधन बीमा योजनाओं का विस्तार
मंत्री राणा ने पशुधन बीमा योजनाओं में अधिक भागीदारी बढ़ाने की बात कही। अनुसूचित जाति परिवारों के लिए विशेष योजनाएं तैयार की जा रही हैं, जिनके तहत भेड़, बकरी और सूअर जैसे पशुओं का निःशुल्क बीमा कराया जाएगा।
पशुपालकों की आर्थिक मजबूती प्राथमिकता
मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा, “योजनाबद्ध तरीके से कार्य करते हुए पशुपालन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जाएगा।”
जल्द क्रियान्वयन पर जोर
बैठक में अधिकारियों ने विभागीय योजनाओं की प्रगति की रिपोर्ट पेश की। मंत्री ने इन योजनाओं को समय पर लागू करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
हरियाणा सरकार द्वारा उठाए जा रहे ये कदम न केवल लावारिश पशुओं की समस्या का समाधान करेंगे, बल्कि राज्य में पशुपालन और डेयरी उद्योग को भी नई दिशा प्रदान करेंगे।