चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने नए साल की शुरुआत पर अपने सरकारी कर्मचारियों और न्यायिक अधिकारियों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया जाएगा। यह निर्णय 1 जनवरी 2024 से प्रभावी होगा।
यह कदम न केवल कर्मचारियों के लिए बल्कि उनके परिवारों के लिए भी आर्थिक सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण माध्यम साबित होगा। बढ़ी हुई ग्रेच्युटी राशि सरकारी कर्मचारियों और न्यायिक अधिकारियों को सेवानिवृत्ति के बाद अधिक वित्तीय स्थिरता प्रदान करेगी।
क्या है ग्रेच्युटी और क्यों है यह महत्वपूर्ण?
ग्रेच्युटी, एक परिभाषित लाभ योजना है, जो कर्मचारी को उसके सेवाकाल के अंत में दी जाती है। यह लाभ 5 या उससे अधिक वर्षों तक लगातार सेवा देने वाले कर्मचारियों को मिलता है। इसके तहत:
सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी को ग्रेच्युटी मिलती है।
इस्तीफे के बाद भी पात्र कर्मचारी को यह लाभ दिया जाता है।
किसी कर्मचारी की मृत्यु होने पर यह राशि उसके परिवार को दी जाती है।
सरकार का उद्देश्य
हरियाणा सरकार का यह निर्णय कर्मचारियों और उनके परिवारों को वित्तीय सुरक्षा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार का मानना है कि यह वृद्धि न केवल कर्मचारियों के लिए आर्थिक संबल का काम करेगी, बल्कि उन्हें भविष्य के लिए बेहतर योजना बनाने में भी सहायता करेगी।
सरकारी कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
सरकारी कर्मचारियों और न्यायिक अधिकारियों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह कदम सरकार के कर्मचारियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है। इससे उनके परिवारों को आर्थिक राहत मिलेगी और वे भविष्य में संभावित चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकेंगे।
हरियाणा सरकार के इस फैसले से अन्य राज्यों में भी इसी तरह की पहल की संभावना बढ़ सकती है। यह कदम सरकारी कर्मचारियों के कल्याण की दिशा में एक नई मिसाल पेश करता है।