चंडीगढ़, 28 दिसंबर – हरियाणा सरकार ने लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल क्षेत्रों में निवेश और विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हरियाणा लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल नीति, 2019 के विस्तार को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
यह नीति हरियाणा में व्यवसाय करने की लागत को कम करने और निवेश को आकर्षित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है। इसके तहत इकाइयों को कौशल विकास समर्थन, पूंजीगत सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी, स्टांप शुल्क और ईडीसी प्रतिपूर्ति जैसे लाभ दिए जाते हैं। इसके साथ ही, बिजली शुल्क में छूट और नियामक प्रक्रियाओं के सरलीकरण जैसे कदम भी शामिल हैं।
नीति के मुख्य उद्देश्य
1. निवेश को प्रोत्साहन: लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल क्षेत्रों में निजी और पीपीपी मॉडल निवेश को बढ़ावा देना।
2. इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास: मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक हब, वेयरहाउसिंग और रिटेल-उन्मुख बुनियादी ढांचे का निर्माण।
3. आधुनिक तकनीकों का उपयोग: इन क्षेत्रों में आधुनिक तकनीकों को अपनाने और उन्नयन को बढ़ावा देना।
4. कौशल विकास: कुशल श्रम बल तैयार करने के लिए मानव पूंजी विकास पहलों को बढ़ावा देना।
नीति का विस्तार
हरियाणा लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल नीति, 2019, जो 8 मार्च 2024 को समाप्त होने वाली थी, अब 31 दिसंबर 2024 तक या हरियाणा लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल पॉलिसी, 2024 के अनुमोदन तक (जो भी पहले हो) लागू रहेगी।