चंडीगढ़: दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई शुरू होने के बाद अब हरियाणा सरकार और पुलिस विभाग ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। दिल्ली से हरियाणा में रोहिंग्याओं के प्रवेश की संभावनाओं को देखते हुए राज्य की सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। पुलिस और गुप्तचर विभाग (सीआईडी) ने इनकी पहचान और वेरिफिकेशन अभियान तेज कर दिया है।
हरियाणा में रोहिंग्याओं की स्थिति
करीब 12 साल पहले हरियाणा के रेवाड़ी, नूंह (मेवात), महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद जिलों में बांग्लादेश से आए रोहिंग्या मुसलमानों को बसाया गया था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पूरे राज्य में लगभग 600-700 रोहिंग्या परिवार रहते हैं, जबकि अकेले मेवात क्षेत्र में इनकी संख्या करीब 2,000 बताई जा रही है।
हरियाणा सरकार को शक है कि मुस्लिम बहुल मेवात क्षेत्र में रोहिंग्याओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। सरकार को इस बात की भी जानकारी मिली है कि स्थानीय लोग इन रोहिंग्याओं को शरण दे रहे हैं, जिससे सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर खतरा बढ़ सकता है।
दिल्ली के एलजी के आदेश के बाद हरियाणा अलर्ट
दिल्ली में उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं की पहचान के आदेश के बाद हरियाणा सरकार ने भी सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा कानून व्यवस्था को लेकर हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई। सरकार ने दिल्ली से सटे जिलों—गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर—में विशेष सतर्कता बरतने के आदेश दिए हैं।
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
हरियाणा पुलिस और सीआईडी को निर्देश दिए गए हैं कि वे रोहिंग्याओं की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करें। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी सरकार को रोहिंग्याओं के खिलाफ शिकायत करते हुए आरोप लगाया है कि ये लोग देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हो सकते हैं। विहिप ने मांग की है कि इनकी पहचान कर इन्हें तुरंत प्रदेश से बाहर निकाला जाए।