नई दिल्ली:भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर है। डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार 28 दिसंबर 2024 को दिल्ली के निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी सहित कई गणमान्य नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
राजकीय सम्मान के साथ विदाई
डॉ. मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को तोपगाड़ी पर निगम बोध घाट लाया गया, जहां तीनों सेनाओं ने उन्हें सलामी दी। देशभर के नेता और नागरिक उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “उनका योगदान भारत के आर्थिक और राजनीतिक इतिहास में अमूल्य है। वे एक दूरदर्शी नेता थे, जिनकी नेतृत्व शैली ने भारत को वैश्विक मंच पर मजबूती से खड़ा किया।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने शोक संदेश में कहा, “मनमोहन सिंह ने अपने ज्ञान, बड़प्पन और विनम्रता से देश की सेवा की। वे एक प्रेरणा स्रोत थे, जिनकी कमी देश को हमेशा खलेगी।”
अंतर्राष्ट्रीय श्रद्धांजलि
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रिया आई। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में डॉ. सिंह का योगदान अविस्मरणीय है। उनका राजनीतिक साहस और रणनीतिक दृष्टिकोण प्रेरणादायक है।”
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने विश्व मंच पर भारत की साख को नई ऊंचाई दी।
डॉ. मनमोहन सिंह की विरासत
1991 के आर्थिक सुधारों के मुख्य शिल्पकार और दो बार भारत के प्रधानमंत्री रहे डॉ. सिंह का कार्यकाल आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता के लिए जाना जाता है। उनकी नीतियों ने भारत की आर्थिक संरचना को मजबूत किया और वैश्विक स्तर पर देश की स्थिति को सुदृढ़ बनाया।
जनता के दिलों में अमर
डॉ. सिंह की सादगी, ईमानदारी और सेवा भावना ने उन्हें हर वर्ग का प्रिय बना दिया। उनके निधन से न केवल राजनीति, बल्कि आर्थिक और सामाजिक जगत में भी एक बड़ा शून्य उत्पन्न हुआ है।
डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी नीतियों, कृतित्व और विनम्रता के लिए हमेशा याद किया जाएगा।