चंडीगढ़। हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सैनी की पत्नी सुमन सैनी को हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह पद परंपरागत रूप से मुख्यमंत्री की पत्नी के लिए आरक्षित रहता है। हालांकि, पिछले 10 वर्षों से यह पद खाली था क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अविवाहित थे।
सुमन सैनी का राजनीतिक सफर
सुमन सैनी हरियाणा की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाती रही हैं। वह भाजपा महिला मोर्चा की सदस्य होने के साथ-साथ हरियाणा भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की सदस्य भी हैं। सुमन ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव में प्रचार किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और अपने पति नायब सैनी के लिए प्रचार में अहम भूमिका निभाई।
2022 में उन्होंने जिला परिषद चुनाव भी लड़ा था। सुमन सैनी सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में सक्रिय रहती हैं और राज्य में महिला सशक्तिकरण और बच्चों के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
बाल कल्याण परिषद का महत्व
हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद बच्चों के अधिकारों की रक्षा और उनके विकास के लिए काम करती है। परिषद का नेतृत्व राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय करते हैं और इसके सचिव पद पर डॉ. सुषमा गुप्ता नियुक्त हैं। परिषद के उपाध्यक्ष और अन्य सदस्यों को मजिस्ट्रेट के समान अधिकार प्राप्त होते हैं।
बाल कल्याण समिति किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत संचालित होती है और इसका उद्देश्य अनाथ, परित्यक्त और विशेष देखभाल की आवश्यकता वाले बच्चों की मदद करना है। यह समिति बच्चों के पुनर्वास, सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए काम करती है।
राजनीतिक परिवारों की भूमिका
इससे पहले, भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पत्नी आशा हुड्डा ने भी बाल कल्याण परिषद और रेडक्रॉस समिति के उपाध्यक्ष पद पर कार्य किया था। हालांकि, आशा हुड्डा अब राजनीति से दूर हैं, जबकि सुमन सैनी सक्रिय रूप से राजनीति में जुड़ी हुई हैं।
सुमन सैनी का यह पद संभालना न केवल हरियाणा में बाल अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि महिलाओं के राजनीतिक और सामाजिक योगदान को भी बल देता है।