चंडीगढ़, 27 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु-I) के तहत 3,882 लाभार्थियों के बैंक खातों में डिजिटल माध्यम से 144.73 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए। यह योजना प्रदेश के अंत्योदय परिवारों को सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सरकार के एक प्रवक्ता ने जानकारी दी कि इस योजना का उद्देश्य उन परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जो परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु या स्थायी विकलांगता के कारण आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। योजना की शुरुआत से अब तक 20,399 पात्र परिवारों को 1 अप्रैल 2023 से 30 जून 2024 के बीच 763.69 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है।
डिजिटल माध्यम से सीधी सहायता
सभी सहायता राशि लाभार्थियों के आधार से जुड़े बैंक खातों में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के माध्यम से सीधा स्थानांतरित की जा रही है। यह प्रक्रिया पारदर्शिता सुनिश्चित करती है और सहायता राशि समय पर पहुंचाने में मददगार है।
पात्रता और लाभ के मानदंड
दयालु-I योजना उन परिवारों को कवर करती है, जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम है। पात्रता की पुष्टि परिवार सूचना डेटा रिपोजिटरी (एफआईडीआर) के माध्यम से की जाती है। इसके तहत किसी भी परिवार के सदस्य की प्राकृतिक या आकस्मिक मृत्यु, या दुर्घटना के कारण स्थायी विकलांगता की स्थिति में आर्थिक सहायता दी जाती है। योजना का लाभ उठाने के लिए परिवार आईडी या परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) होना अनिवार्य है।
समाज के कमजोर वर्गों को राहत
दयालु-I योजना का मुख्य उद्देश्य जरूरतमंद और कमजोर वर्ग के परिवारों को सहायता प्रदान करना है। योजना के माध्यम से असामयिक मृत्यु या विकलांगता के मामलों में त्वरित वित्तीय राहत सुनिश्चित की जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकार हरियाणा के प्रत्येक पात्र परिवार की सामाजिक सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। दयालु-I योजना के माध्यम से हमारा प्रयास है कि जरूरतमंद परिवारों को समय पर मदद मिले और वे अपने जीवन को फिर से व्यवस्थित कर सकें।”