चंडीगढ़, 19 दिसंबर: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि राज्य सरकार बाजरा जैसे मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि “श्री अन्न” श्रेणी के तहत बाजरा और अन्य मोटे अनाज की ब्रांडिंग और प्रचार-प्रसार पर विशेष जोर दिया जा रहा है, जिससे किसानों को बेहतर आय और बाजार में अधिक अवसर प्राप्त हो सकें।
कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों के कल्याण और उनकी आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि हरियाणा भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है जो सभी 24 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रदान करता है।
पानी की बचत के लिए प्रोत्साहन
श्याम सिंह राणा ने पानी के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि सरकार उन किसानों को 7,000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दे रही है जो धान जैसी अधिक पानी खपत करने वाली फसलों की जगह दूसरी फसलों को अपनाते हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के लिए इस प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की जा सकती है।
कृषि में नवीन तकनीक और सहायता
हरियाणा सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर जलवायु-प्रतिरोधी और उच्च उत्पादकता वाली फसल किस्मों के सब्सिडी वाले बीज उपलब्ध करा रही है। कृषि मंत्री ने बताया कि कपास की फसलों में कीट संक्रमण रोकने और रसायनों के दुरुपयोग को कम करने के लिए भी प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। इसके साथ ही, नकली बीज और कीटनाशकों की बिक्री पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
पराली जलाने पर रोक
कृषि मंत्री ने कहा कि पराली जलाने की समस्या को सुलझाने के लिए राज्य सरकार किसानों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। किसानों को सब्सिडी पर कृषि उपकरण दिए जा रहे हैं, और पराली न जलाने वाले किसानों को 1,000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। सरकार इस राशि को बढ़ाने और पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान देने वाले पंचायतों को नकद पुरस्कार देने की योजना पर विचार कर रही है।
कृषि को टिकाऊ बनाने की प्रतिबद्धता
श्याम सिंह राणा ने राज्य के किसानों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि सरकार कृषि उत्पादन बढ़ाने, किसानों के जीवन स्तर में सुधार लाने और हरियाणा को टिकाऊ व नवीन खेती के मार्ग पर अग्रसर करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।