चंडीगढ़ के किसान भवन में हरियाणा के प्रमुख खाप नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान आंदोलन की मौजूदा स्थिति और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की। सतरोल खाप के प्रतिनिधि सतीश कुमार ने जानकारी दी कि किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा में तीन बड़े धरने आयोजित किए गए थे, जिनमें टटोली गांव का धरना विशेष रूप से महत्वपूर्ण था। इस दौरान 102 पंचायतें एकत्रित हुई थीं और 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दहिया खाप, सतरोड़ खाप, कंडेला खाप, माजरा खाप, फोगाट खाप, और दलाल खाप सहित कई खाप नेता उपस्थित थे।
दलजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत पर जताई चिंता
सतीश कुमार ने बताया कि 11 सदस्यीय कमेटी खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन के प्रमुख नेता दलजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने गई थी। उन्होंने कहा कि डल्लेवाल की तबीयत खराब लगी। खाप नेताओं ने उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना की और उनसे अनशन समाप्त करने की अपील की। हालांकि, डल्लेवाल ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, वे अनशन जारी रखेंगे।
सरकार की नीतियों पर सवाल
खाप नेताओं ने हरियाणा सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “सरकार पहले किसानों को ट्रैक्टर के साथ धरना देने से रोक रही थी, और अब जब किसान पैदल जा रहे हैं, तो उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं।”
29 दिसंबर को होगी महापंचायत
सतीश कुमार ने बताया कि 29 दिसंबर को हिसार के बास गांव में एक महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। इस महापंचायत में किसान आंदोलन के भविष्य की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने सभी किसान संगठनों से एकजुट होकर इस महापंचायत में शामिल होने की अपील की।
संयुक्त किसान मोर्चा को एकजुट होने की अपील
खाप नेताओं ने संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं से आग्रह किया कि वे आपसी मतभेदों को भुलाकर एकजुट हों। सतीश कुमार ने कहा, “यह मांग केवल किसी एक संगठन की नहीं है, बल्कि देश के सभी किसानों की मांग है।”
धरने फिर से शुरू करने पर विचार
चुनावों के कारण स्थगित किए गए धरनों को लेकर भी खाप नेताओं ने चर्चा की। उन्होंने कहा कि महापंचायत में निर्णय लिया जाएगा कि धरने कहां और कैसे शुरू किए जाएं।
यह महापंचायत किसान आंदोलन के भविष्य की दिशा तय करने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। खाप नेताओं की इस अपील से आंदोलन को नईऊर्जा मिलने की उम्मीद है।