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हरियाणा के अस्थायी कर्मचारियों को 20 साल बाद मिलेगा न्याय, 2 हफ्तों में होंगे नियमित

चंडीगढ़ 16 दिसंबर 2024(गर्ग)। हरियाणा में 20 साल से अधिक समय से कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों के लिए राहतभरी खबर है। राज्य सरकार ने हाई कोर्ट को सूचित किया है कि सभी योग्य अस्थायी कर्मचारियों को दो हफ्तों के भीतर नियमित किया जाएगा। यह जानकारी पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में दाखिल जवाब के दौरान दी गई, जहां अस्थायी कर्मचारियों ने अवमानना याचिका दायर की थी।

 

क्या है मामला?

हरियाणा सरकार की 2003 की नियमितीकरण नीति के तहत 20 साल से अधिक समय से काम कर रहे अस्थायी कर्मचारी अपनी सेवाओं के नियमितीकरण की मांग कर रहे थे। मार्च 2024 में हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए थे कि वह इन कर्मचारियों के लिए आवश्यक पदों का सृजन करे और उन्हें नियमित करे। इसके बावजूद, सरकार ने आदेश को लागू नहीं किया, जिसके चलते कर्मचारियों ने मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की।

 

सरकार ने दी मंजूरी

मुख्य सचिव कार्यालय ने इस मामले में वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा था, जिसे स्वीकृति मिल गई है। अब सरकार ने सभी योग्य अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने के लिए कैडर पदों का सृजन कर लिया है। इसके साथ ही, दो हफ्तों के भीतर इन कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र जारी करने और वित्तीय लाभ देने का वादा किया गया है।

 

हाई कोर्ट का सख्त रुख

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस हरकेश मनुजा ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार तय समयसीमा में यह प्रक्रिया पूरी नहीं करती है, तो याचिकाकर्ता दोबारा अवमानना याचिका दायर कर सकते हैं। इसके अलावा, संबंधित अधिकारियों पर याचिकाकर्ताओं को 50,000 रुपए प्रति व्यक्ति भुगतान करने का दंड लगाया जाएगा।

 

कर्मचारियों को क्या मिलेगा लाभ?

नियमित नियुक्ति: सभी पात्र अस्थायी कर्मचारियों को नियमित पद दिए जाएंगे।

वित्तीय लाभ: कर्मचारियों को उनके काम के अनुसार वेतन और अन्य लाभ मिलेंगे।

स्थायित्व: अब इन कर्मचारियों की नौकरियां सुरक्षित हो जाएंगी।

 

 

हाई कोर्ट का संदेश

हाई कोर्ट ने कहा कि कल्याणकारी राज्य होने के नाते सरकार का दायित्व है कि वह अपने कर्मचारियों का ध्यान रखे। यदि कोई कर्मचारी 10 साल से अधिक समय तक सेवाएं दे रहा है, तो उसेनियमित किया जाना चाहिए।

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