प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 13 दिसंबर को प्रयागराज में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने महाकुंभ 2025 की तैयारियों के तहत विभिन्न परियोजनाओं को जनता को समर्पित किया। इन परियोजनाओं का उद्देश्य प्रयागराज के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाना, आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना और गंगा की स्वच्छता सुनिश्चित करना है।
संगम पर पूजा और अक्षय वट के दर्शन
प्रधानमंत्री मोदी ने संगम पर पूजा-अर्चना कर अपने दौरे की शुरुआत की। उन्होंने अक्षय वट वृक्ष, हनुमान मंदिर और सरस्वती कूप में दर्शन और पूजा कर श्रद्धा व्यक्त की। इन धार्मिक स्थलों पर उनकी उपस्थिति ने क्षेत्र के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को रेखांकित किया।
महाकुंभ 2025 के लिए विकास परियोजनाओं का उद्घाटन
प्रधानमंत्री ने महाकुंभ 2025 की तैयारियों के तहत प्रयागराज में विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शुभारंभ किया, जिनमें शामिल हैं:
- 10 नए रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) और फ्लाईओवर: निर्बाध यातायात के लिए।
- स्थायी घाट और रिवरफ्रंट रोड: गंगा नदी के किनारे पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए।
- गंगा संरक्षण परियोजनाएँ: गंगा में अनुपचारित पानी के निर्वहन को शून्य करने के लिए।
- पेयजल और बिजली परियोजनाएँ: बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने के लिए।
आध्यात्मिक गलियारों का विकास
प्रधानमंत्री ने प्रमुख मंदिर गलियारों का उद्घाटन किया, जिनमें भारद्वाज आश्रम गलियारा, श्रृंगवेरपुर धाम गलियारा, अक्षयवट गलियारा और हनुमान मंदिर गलियारा शामिल हैं। इन गलियारों के निर्माण से भक्तों की सुविधा और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
कुंभ सहायक चैटबॉट लॉन्च
महाकुंभ मेला 2025 के लिए प्रधानमंत्री ने कुंभ सहायक चैटबॉट भी लॉन्च किया। यह चैटबॉट श्रद्धालुओं को कार्यक्रमों, स्नान पर्वों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करेगा। कुंभ मेला 13 जनवरी, 2025 से 26 फरवरी, 2025 तक आयोजित होगा, जिसमें मुख्य स्नान पर्व मकर संक्रांति (14 जनवरी), मौनी अमावस्या (29 जनवरी), और बसंत पंचमी (3 फरवरी) को होंगे।
सुरक्षा में तकनीकी उन्नति
उत्तर प्रदेश पुलिस ने महाकुंभ 2025 की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी सिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और उन्नत तकनीकों को शामिल करने की योजना बनाई है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने बताया कि इन तकनीकों से लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा को मजबूत किया जाएगा।
प्रधानमंत्री के इस दौरे ने न केवल प्रयागराज के आध्यात्मिक महत्व को पुनर्जीवित किया, बल्कि क्षेत्र के विकास और महाकुंभ 2025 के लिए तैयारियों को नई गति दी।