पंचकूला, 17 जनवरी : स्थानीय सैक्टर-1 स्थित रेड बिशप में हरियाणा के सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल 20 जनवरी को करनाल में स्थित सहकारी चीनी मिल की क्षमता को 2200 टीसीडी से बढाकर 3500 टीसीडी करने का शिलान्यास करेंगे, जिस पर लगभग 220 करोड़ रूपए की राशि खर्च की जाएगी और यह 15 महीने में तैयार हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि इससे प्रतिदिन 35 हजार क्विंटल गन्ने की पिराई की जा सकेगी और एक पिराई सत्र में 60 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की जा सकेगी। इससे क्षेत्र के किसानों को लाभ होगा और किसान गन्ने की अधिक बिजाई कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि गन्ने की उन्नत किस्मों का प्रयोग करके प्रति एकड़ एक लाख रूपए से अधिक की कमाई कर सकेंगे। इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय दुगनी करने के विजन को साकार किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि मिल में बागान से बिजली का उत्पादन किया जाएगा। मिल अपनी बिजली उपयोग के बाद 10.5 मैगावाट बिजली तो बेचेंगी और इससे मिल को अतिरिक्त आय होगी तथा मिल की आर्थिक स्थित सुदृढ़ होगी। इस मिल में रिफाईन चीनी का उत्पादन किया जाएगा जो सहकारी चीनी मिलों में प्रथम चीनी मिल होगी जहां रिफाईन चीनी का उत्पादन होगा।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए इस वर्ष 31 अक्तूबर से सहकारी चीनी मिलों के पिराई सत्र को आरंभ किया जाएगा जो पहले के वर्षों में नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में शुरू किया जाता था। हरियाणा सहकारी चीनी मिलों ने अब तक 170.03 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की है जबकि पिछले वर्ष इस अवधि में 120.47 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की गई है। उन्होंने बताया कि सरकारी चीनी मिलों ने अपनी कार्यकुशलता व क्षमता में भी सुधार किया है यह पिछले वर्ष की तुलना में 6 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 92.52 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इस वर्ष बिजली उत्पादन में भी सुधार हुआ है।
ग्रोवर ने कहा कि हरियाणा सरकार सरकारी चीनी मिलों में गन्ने की अदायगी पर विशेष ध्यान दे रही है तथा समय पर गन्ने का भुगतान कर रही है। हरियाणा सरकार ने पिछले तीन वर्षों में गन्ने के भुगतान के लिए सरकारी चीनी मिलों को एक हजार 88 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की है, जबकि इससे पूर्व सात वर्षों में सरकार द्वारा 608.50 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई थी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछली सरकार के समय की भी गन्ने की अदायगी की है। सरकार के सहयोग से सरकारी चीनी मिलें समय पर गन्ने का भुगतान कर देती हैं। हरियाणा सरकार प्रदेश के किसानों को देश में गन्ने का सबसे अधिक मूल्य उपलब्ध करवा रहा है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि हरियाणा की सहकारी चीनी मिलें राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान रखती हैं। पिराई सत्र 2016-17 में पांच मिलों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, जिनमें शाहबाद चीनी मिल को सर्वश्रेष्ठ चीनी मिल का पुरस्कार, करनाल चीनी मिल को गन्ना विकास में प्रथम पुरस्कार, पानीपत चीनी मिल को गन्ने विकास में दूसरा पुरस्कार, कैथल चीनी मिल को तकनीकी दक्षता में दूसरा स्थान और असंध चीनी मिल को वित्तीय प्रबंधन में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ।
ग्रोवर ने बताया कि करनाल सहकारी चीनी मिल के अतिरिक्त पानीपत सहकारी चीनी मिल का स्थानांतरण व आधुनीकीकरण की भी योजना है। पानीपत मिल की क्षमता 1800 टीसीडी से 5000 टीसीडी की जाएगी तथा वहां पर बिजली संयत्र और आसवनी इकाई को स्थापित किया जाएगा। सोनीपत सहकारी चीनी मिल का आधुनिकीकरण और शाहबाद सहकारी चीनी मिल में 60 किलोलीटी प्रतिदिन क्षमता का प्लांट लगाया जाना प्रस्तावित है। इस अवसर पर हरियाणा शुगर फेडरेशन के चेयरमैन चन्द्रप्रकाश कथूरिया ने बताया कि हरियाणा में अभी तक इस वर्ष सरकारी चीनी मिलों द्वारा अब तक 50 लाख क्विंटल गन्ने की अधिक पिराई की जा चुकी है। इससे गत वर्ष की अपेक्षा किसानों के लगभग 20 हजार एकड़ गन्ने की अधिक पिराई हुई, जिसमें किसान गेहूं बिजार्ह करके अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकेंगे।