संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ से जुड़ा विवाद सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंच गया है। सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद भी कुछ राज्यों द्वारा फिल्म पर बैन लगाए जाने को फिल्म के निर्माताओं ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है
राजपूत समाज के विरोध के चलते सेंसर बोर्ड द्वारा गठित स्पेशल पैनल के सुझावों पर निर्माता-निर्देशक फिल्म में बदलाव करने को राजी हो गए थे। फिल्म का नाम भी ‘पद्मावती’ से बदलकर ‘पद्मावत’ कर दिया गया। साथ ही फिल्म में कई संशोधन करने के चक्कर में 300 कट्स लगाने पड़े। इतना ही नहीं, डिस्क्लेमर के चलते यह भी बताया जाएगा कि फिल्म की कहानी पूरी तरह काल्पनिक है। फिल्म से तमाम जगहों के नाम भी पूरी तरह हटा दिए गए हैं, बावजूद इसके राजपूत संगठन संतुष्ट नहीं हुए और फिल्म रिलीज होने पर आंदोलन की चेतावनी दे डाली है।
फिल्म निर्माता के सामने दिक्कत यह है कि करोड़ों के बजट से तैयार हुई इस फिल्म को अगर देश के चार राज्यों में रिलीज नहीं किया जाएगा तो उसका बिजनेस बड़े स्तर पर प्रभावित होगा। यही वजह है कि निर्माताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। अदालत के सामने उनकी मुख्य दलील यही होगी कि जब सेंसर बोर्ड ने फिल्म को हरी झंडी दे दी है और फिल्म में बदलाव भी कर दिए गए हैं तो उसे रिलीज होने से आखिर क्यों रोका जा रहा है।