हरियाणा विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने बड़ा कदम उठाते हुए अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। यह अहम फैसला जींद में हुई बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता पार्टी के संरक्षक डॉ. अजय सिंह चौटाला ने की। बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव परिणामों का विश्लेषण किया और आगामी रणनीतियों पर चर्चा की।
नई कार्यकारिणी का गठन जनवरी में
बैठक में निर्णय लिया गया कि पार्टी अब नए सिरे से कार्यकारिणी का गठन करेगी। इसके लिए पूरे प्रदेश में सदस्यता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें गांवों और शहरों के कार्यकर्ताओं को शामिल कर पार्टी को फिर से मजबूत किया जाएगा। नई कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया जनवरी 2025 तक पूरी कर ली जाएगी।
दुष्यंत चौटाला का आत्मविश्वास बरकरार
पार्टी के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के उपमुख्यमंत्री रहे दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जेजेपी खत्म नहीं हुई है। उन्होंने कहा, “मैं अभी केवल 36 साल का हूं और राजनीति में वापसी का मादा मुझमें और मेरे कार्यकर्ताओं में है।” उन्होंने कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि पार्टी को दोबारा मजबूत बनाया जाएगा और चुनावी असफलता को दूर किया जाएगा।
कांग्रेस पर कड़ा प्रहार
बैठक के दौरान दुष्यंत चौटाला ने कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस को “गुलाबी गैंग” का नाम देते हुए आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए जनता के साथ बड़ा छल किया। चौटाला ने कहा, “गुलाबी गैंग के मुखिया ने अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने की लालसा में जनता की भावनाओं की बलि चढ़ा दी।”
दुष्यंत चौटाला ने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जनता की समस्याओं और आकांक्षाओं को नजरअंदाज किया। उन्होंने जींद जिले का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां कांग्रेस केवल एक सीट पर जीत दर्ज कर पाई, जो यह दर्शाता है कि जनता उनके खिलाफ है।
खोया हुआ वोट बैंक वापस लाने की कोशिश
जेजेपी के प्रदर्शन पर चर्चा करते हुए चौटाला ने स्वीकार किया कि पार्टी का प्रमुख वोट बैंक, खासतौर पर युवा और महिलाएं, कांग्रेस की ओर खिंच गए थे। उन्होंने कहा कि पार्टी अब इन वर्गों को दोबारा अपने साथ जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाएगी।
भविष्य की रणनीति
जेजेपी ने आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए कमर कस ली है। पार्टी के नेता कार्यकर्ताओं के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनेंगे और जनता को दोबारा पार्टी के पक्ष में लाने की कोशिश करेंगे।