दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे किसानों और हरियाणा पुलिस के बीच शंभू बॉर्डर पर तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई। पुलिस ने पहले गांधीगिरी का प्रदर्शन करते हुए किसानों पर फूल बरसाए, लेकिन जब प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स हटाकर दिल्ली की ओर बढ़ने लगे, तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया।
क्या हुआ शंभू बॉर्डर पर?
किसानों का जत्था कृषि नीतियों और एमएसपी की कानूनी गारंटी जैसी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से दिल्ली कूच कर रहा था। पुलिस ने उन्हें हरियाणा-पंजाब सीमा पर रोकने का प्रयास किया। इस दौरान पहले तो गांधीगिरी के तहत किसानों पर फूल बरसाए गए, लेकिन जैसे ही किसान बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश करने लगे, पुलिस ने सख्त रवैया अपनाया।
किसानों का आरोप: गांधीगिरी के नाम पर छलावा
पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा,
“हरियाणा पुलिस ने पहले हमें गुमराह किया। फूल बरसाने का नाटक किया और तुरंत बाद आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां दाग दीं। हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन हमारे साथ बर्बरता की गई।”
कई किसान घायल, एक की हालत गंभीर
किसान नेताओं के अनुसार, पुलिस कार्रवाई में 6-8 किसान घायल हुए हैं, जिनमें से एक की हालत गंभीर है और उसे चंडीगढ़ पीजीआई में भर्ती कराया गया है।
दिल्ली कूच पर रोक, जत्था वापस बुलाया गया
दिल्ली कूच के लिए तैयार 101 किसानों के जत्थे को हरियाणा की सख्त सुरक्षा व्यवस्था के कारण वापस बुला लिया गया। किसान नेता पंढेर ने कहा,
“सरकार किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। दिल्ली कूच स्थगित कर दिया गया है, लेकिन हमारी लड़ाई जारी रहेगी।”
मीडिया पर भी रोक
किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार ने प्रदर्शन स्थल से मीडिया को दूर रखा। सरवन सिंह पंढेर ने कहा,
“सरकार सच्चाई को जनता तक पहुंचने से रोक रही है। यह किसानों की आवाज दबाने का प्रयास है।”
आगे की रणनीति पर बैठक कल
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने कल एक आपात बैठक बुलाने की घोषणा की है। पंढेर ने कहा,
“हमारी मांगें वाजिब हैं। सरकार की उकसाने वाली कार्रवाई के बावजूद हम शांतिपूर्ण ढंग से अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। कल की बैठक में आगे का बड़ा फैसला लिया जाएगा।