किसानों का दिल्ली कूच : पंजाब और हरियाणा के किसान शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर बढ़ने के लिए निकले हैं। शनिवार को 101 किसानों का एक जत्था दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहा है, हालांकि, शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने के लिए कड़े इंतजाम किए हैं। पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं, जबकि किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ने का फैसला किया है।
किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष
शंभू बॉर्डर पर पुलिस और किसानों के बीच तीखी बहस हो गई। पुलिस ने कहा कि उनके पास दिल्ली जाने की अनुमति नहीं है और किसानों की पहचान करने के बाद ही उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमारे पास 101 किसानों के नामों की सूची है, और वे लोग पहचान देने के बजाय एक साथ आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।” वहीं, किसानों ने पुलिस के आरोपों को नकारते हुए कहा कि सूची में उनके नाम नहीं हैं और उन्हें अपनी पहचान दिखाने की पूरी तैयारियां हैं।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम और बैरिकेडिंग
किसानों को रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। बॉर्डर पर बैरिकेडिंग और लोहे की कीलें भी लगाई गई हैं, ताकि प्रदर्शनकारी दिल्ली की ओर न बढ़ सकें। इसके अलावा, हरियाणा सरकार ने अंबाला जिले के 11 गांवों में बल्क एसएमएस सेवा और मोबाइल इंटरनेट को निलंबित करने का आदेश दिया है। यह निलंबन 9 दिसंबर तक जारी रहेगा।
किसानों की मुख्य मांगें
किसान संगठनों ने कई महत्वपूर्ण मांगें रखी हैं, जिनमें सबसे प्रमुख हैं:
1. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी
2. 2020-21 में विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा
3. लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय
4. किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन
5. बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने की मांग
6. भूमि अधिग्रहण नियमों में सुधार
पिछले प्रयासों के बावजूद आंदोलन जारी
यह किसान संगठनों का दिल्ली कूच का चौथा प्रयास है। इससे पहले, किसानों ने 13 और 21 फरवरी को ट्रॉलियों और ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली कूच करने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस के साथ झड़प के बाद वे सफल नहीं हो पाए थे। किसान नेताओं ने कहा कि वे अब भी शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों के समर्थन में आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।
किसान नेता का अनशन
इस बीच, एक और किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन शुरू कर दिया है, उनका वजन आठ किलोग्राम घट चुका है। उन्होंने कहा कि वह अपनी मांगों के लिए संघर्ष करते रहेंगे, चाहे जो हो।