हरियाणा में लंबे समय से लंबित नगर निकाय चुनावों को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। राज्य सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में आश्वासन दिया है कि 4 जनवरी 2025 से पहले चुनाव की घोषणा कर दी जाएगी। इसके साथ ही 4 फरवरी 2025 तक पूरी चुनावी प्रक्रिया संपन्न कर परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। यह जवाब सरकार ने हाई कोर्ट में चल रही याचिका की सुनवाई के दौरान दाखिल किया।
हाई कोर्ट में सरकार का आश्वासन
सरकार ने अदालत को भरोसा दिलाया कि सभी लंबित नगर निकाय चुनाव अगले एक महीने के भीतर कराए जाएंगे। याचिकाकर्ता की ओर से नगर निकाय चुनावों में हो रही देरी को लेकर सवाल उठाए गए थे। कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ता को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए यह स्पष्ट किया कि यदि सरकार अपने वादे को पूरा नहीं करती है, तो यह मुद्दा भविष्य में फिर से उठाया जा सकता है।
किन निकायों में होंगे चुनाव?
इस बार गुरुग्राम, करनाल, हिसार, फरीदाबाद, रोहतक और यमुनानगर जैसे प्रमुख शहरों में नगर निगम चुनाव होंगे।
गुरुग्राम नगर निगम का कार्यकाल 2022 में समाप्त हो चुका है।
फरीदाबाद, करनाल, हिसार और रोहतक में नगर निकायों का कार्यकाल इस साल जनवरी में खत्म हो गया।
चुनावों में हुई देरी का कारण
नियमों के अनुसार नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के छह महीने के भीतर चुनाव कराए जाने चाहिए। हालांकि, इस बार परिसीमन प्रक्रिया पूरी न होने के कारण चुनाव में देरी हुई। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि यदि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती है, तो मौजूदा परिसीमन के आधार पर चुनाव कराना चाहिए।
जनता और उम्मीदवारों की उम्मीदें
नगर निकाय चुनावों में देरी के चलते जनता में असंतोष बढ़ता जा रहा था। अब चुनाव की तारीखों की घोषणा की उम्मीद ने उम्मीदवारों और नागरिकों को राहत दी है। इन चुनावों से शहरों के विकास और प्रशासनिक सुधारों में तेजी आने की उम्मीद है।
राजनीतिक दलों की तैयारी
भारतीय जनता पार्टी, जिसने हाल ही में विधानसभा चुनावों में अपनी ताकत दिखाई है, नगर निकाय चुनावों में भी जीत के लिए रणनीति तैयार कर रही है। वहीं, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश करेंगे।
अगले एक महीने में पूरा होगा चुनावी सफर
अब सभी की नजरें सरकार और चुनाव आयोग पर हैं। यदि सरकार अपने वादे के अनुसार कार्रवाई करती है, तो यह चुनाव हरियाणा के स्थानीय प्रशासन में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में मदद करेगा। जनता को उम्मीद है कि नए प्रतिनिधि उनके मुद्दों का समाधान करेंगे और शहरों के विकास को प्राथमिकता देंगे।