पंचकूला: देश को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने पंचकूला में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन अभियान का शुभारंभ किया। इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और स्वास्थ्य मंत्री आरती राव भी उपस्थित रहे। अभियान का लक्ष्य 100 दिनों में देशभर में टीबी उन्मूलन के लिए जन जागरूकता बढ़ाना, जांच और इलाज की प्रक्रिया को तेज करना है।
100 दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान की शुरुआत
जेपी नड्डा ने कहा कि यह अभियान देश के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। 347 जिलों पर फोकस करते हुए, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में टीबी की जांच और उपचार की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। उन्होंने कहा, “2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एंड टीबी’ का लक्ष्य तय कर दुनिया को एक बड़ा संदेश दिया। आज हम उस सपने को साकार करने के करीब हैं।”
स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
टीबी जांच के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बड़े स्तर पर विस्तारित किया गया है। देशभर में अब तक 1.73 लाख जगहों पर टीबी जांच की जा रही है। जहां 2014 तक केवल 293 जांच लैब थीं, आज इनकी संख्या 8,293 हो चुकी है। ग्रामीण इलाकों में भी हेल्थ डिस्पेंसरी पर टीबी की जांच उपलब्ध कराई गई है।
हरियाणा से अभियान की शुरुआत
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि इस राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत हरियाणा से हो रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 7 लाख लोगों का टीबी टेस्ट किया जा चुका है, जिनमें से 40% मामलों में संक्रमण पाया गया।
सीएम सैनी ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्क्रीनिंग और जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “कुछ पुरानी सोच के कारण लोग बीमारी छुपाते हैं। हमें मरीजों को जागरूक करके उनका सही समय पर इलाज सुनिश्चित करना होगा।”
पीएम मोदी की टीबी मुक्त भारत की सोच
जेपी नड्डा ने बताया कि 60 के दशक में टीबी को मौत का निमंत्रण माना जाता था, लेकिन आज देश ने इसे खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2014 के बाद से टीबी के खिलाफ एक नई सोच और रणनीति के तहत काम किया गया है। नड्डा ने कहा, “टीबी हारेगा और भारत जीतेगा।”
जागरूकता और सहयोग पर जोर
कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने भी स्वास्थ्य विभाग और नागरिकों के सहयोग की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह अभियान भारत को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में निर्णायक साबित होगा।
टीबी मुक्त भारत का सपना साकार करने के लिए यह 100 दिवसीय अभियान न केवल बीमारी को हराने का प्रयास है, बल्कि यह देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं को एक नए स्तर तक ले जाने का वादा भी करता है।