Wednesday , 18 December 2024

Kumari Sheilja: किसानों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल समाधान नहीं, सैलजा ने किया सरकार के रवैये की कड़ी निंदा

Kumari Sheilja: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने किसानों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे न केवल सरकार की किसान विरोधी नीति, बल्कि लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ भी बताया। सैलजा ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर बल प्रयोग करना पूरी तरह अनुचित और निंदनीय है।

कुमारी सैलजा ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि शंभू बॉर्डर से एक सीमित संख्या में किसान शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली की ओर पैदल रवाना हो रहे थे, जिनकी पुलिस ने पहले अनुमति दी थी। लेकिन बाद में विभिन्न पाबंदियां लगाते हुए, सरकार के निर्देश पर पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए बल प्रयोग किया। उन्होंने बताया कि इस दौरान किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज किया गया, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय था। सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार का यह रवैया उनके किसान विरोधी चेहरे को उजागर करता है।

लोकतंत्र में प्रदर्शन का अधिकार

सैलजा ने आगे कहा कि लोकतंत्र में हर नागरिक को अपनी बात रखने और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का अधिकार है। शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने के लिए बल प्रयोग करना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने सरकार से अपील की कि अगर वह किसानों की समस्याओं का समाधान करना चाहती है, तो उसे वार्ता का रास्ता अपनाना चाहिए, न कि दमनकारी नीतियों का सहारा लेना चाहिए।

हरियाणा सरकार का असंवेदनशील रवैया

कुमारी सैलजा ने हरियाणा सरकार और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के रवैये पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह बयान कि आंदोलन कर रहे किसान केवल पंजाब के हैं और पंजाब सरकार को उनसे बात करनी चाहिए, पूरी तरह गैरजिम्मेदाराना है। सैलजा ने स्पष्ट किया कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) गारंटी का मुद्दा केंद्र सरकार से संबंधित है, न कि किसी राज्य सरकार से।

इसके अलावा, सैलजा ने हरियाणा सरकार की कार्यवाही की आलोचना करते हुए कहा कि किसानों को रोकने के लिए राज्य सरकार ने सड़कों को बंद करने, रास्तों पर कीलें और कंटीली तारें लगाने जैसे दमनकारी कदम उठाए। यह कदम न केवल अनुचित हैं, बल्कि किसानों के खिलाफ दमनात्मक रणनीतियों का हिस्सा हैं।

वार्ता से समाधान की दिशा

कुमारी सैलजा ने कहा कि समाधान के लिए अब सरकार को बल प्रयोग की जगह किसानों के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एमएसपी गारंटी का कानून किसानों का जायज हक है और इसे लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

सैलजा के बयान से यह स्पष्ट है कि सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी और किसान संगठनों का विरोध जारी रहेगा, और अब समाधान के लिए वार्ता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

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