जमीन के झगड़े में अपने भतीजे की हत्या और सगे भाई की हत्या के प्रयास के आरोपी दसौरा निवासी रामलाल और उसके बेटे मनदीप को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय आरपी सिंह की कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों पर छह-छह हजार रुपये का जुर्माना भी किया है। इस केस में दोषी रामलाल की पत्नी सुनीता भी आरोपी थी, जिसे कोर्ट ने पर्याप्त सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।
थाना छछरौली के अंतर्गत आने वाले दसौरा गांव निवासी नेम सिंह ने अपनी ढाई एकड़ जमीन का बंटवारा अपने तीन बेटों रामलाल, भूपाल सिंह और नरपाल में किया था। भूपाल सिंह के हिस्से आधा एकड़ जमीन थी। कम जमीन मिलने पर भूपाल सिंह नाखुश था। इस बात को लेकर 25 जून 2021 को भूपाल सिंह की गांव में अपने पिता नेम सिंह और भाई रामलाल के साथ कहासुनी और मारपीट हो गई थी।
इसके बाद रामलाल ने अपने बेटे मनदीप और पत्नी सुनीता के साथ मिलकर गली से गुजर रहे भूपाल सिंह के बेटे कुलदीप और दूसरे भाई नरपाल पर गंडासी और डंडों से हमला कर उन्हें बुरी तरह घायल कर दिया था। गंडासी के वार से नरपाल की एक टांग कट गई थी। गंभीर रूप से घायल कुलदीप की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस केस में पहले हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। कुलदीप की मौत के बाद केस में हत्या की धारा जोड़ दी गई थी।