कैथल: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव व सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुरुक्षेत्र लोकसभा से गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी व युवा कांग्रेस नेत्री श्वेता ढुल ने किसान भवन पर प्रेसवार्ता को सम्बोधित किया। सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार 10 साल से सत्ता में है। आखिरी बार ग्रुप D की भर्ती साल 2018 में जींद उपचुनाव से ठीक पहले कर खूब वाहवाही लूटने का प्रयास हुआ। पहले सभी 18,000बच्चों को नौकरी ज्वाईन करवा ली, और बाद में ‘‘सोशो-इकॉनॉमिक मार्क्स’’, ‘‘डॉक्युमेंट वैरिफिकेशन’’, ‘‘स्पोर्ट्स कैटेगरी सर्टिफिकेट्स’’ व अन्य त्रुटियाँ बताकर आधे बच्चों को नौकरी से निकाल दिया गया। लगभग 4,000 बच्चों ने नौकरी ज्वाईन ही नहीं की क्योंकि पीएचडी और एमए और इंजीनियर्स को सीवरेज मैन, कुक, वॉशरमैन इत्यादि पदों पर लगा दिया गया था।
सुरजेवाला ने कहा कि 2018 के बाद फिर पाँच साल तक ग्रुप D की एक भर्ती भी नहीं की गई। युवा धक्के खाते रहे, बिलखते रहे, ‘‘डंकी रूट’’ से विदेश जाने को मजबूर होते रहे, पर भाजपा-जजपा ने एक नहीं सुनी। एक बार फिर संसद और विधानसभा के आम चुनाव से ठीक पहले हरियाणा के युवाओं को बहकाने और भटकाने का आजमाया हुआ तरीका भाजपा-जजपा सरकार ने ‘‘शकुनि की चौपड़’’ की तरह फैलाया है।
13 और 14 मार्च, 2024 को लोकसभा चुनाव की घोषणा व कोड ऑफ कंडक्ट संभावित है। सितंबर-अक्टूबर, 2024 में विधानसभा के चुनाव दस्तक दे रहे हैं। चुनाव की आहट सुनते ही पाँच साल बाद भाजपा-जजपा सरकार फिर जाग गई। युवाओं को एक बार फिर रोजगार देने का धोखा देना है। इसीलिए चुनाव की घोषणा से पाँच दिन पहले 07 मार्च, 2024 को रात के 12:20 पर ग्रुप D के 10,997 पदों का रिज़ल्ट जारी कर दिया, जबकि ग्रुप D की कुल एडवरटाईज़्ड पोस्टें 13,536 थीं।
ग्रुप D का यह पूरा रिज़ल्ट भ्रामक, त्रुटिपूर्ण व दोषपूर्ण है। एक बार फिर आनन-फानन में बच्चों को ज्वाईन करवा लिया जाएगा, पूरा मामला कोर्ट-कचहरी के चक्कर में उलझवा दिया जाएगा, व धीरे-धीरे ‘डॉक्युमेंट वैरिफिकेशन’ व अन्य कमियाँ बताकर बच्चों को नौकरी से निकलवा दिया जाएगा। जो लोग भर्ती हो गए, वह भी कोर्ट में उलझते रहेंगे, और जो दस लाख के करीब बच्चे गलत रिज़ल्ट निकालने के कारण रह गए, वह भी कोर्ट के चक्कर में उलझते रहेंगे। भाजपा-जजपा सरकार इस पूरे मामले में नौकरियों को लगाने की झूठी वाहवाही लूटती रहेगी तथा युवाओं की आँखों पर पर्दा डालती रहेगी।
सुरजेवाला ने कहा कि ग्रुप D भर्ती में भाजपा-जजपा सरकार के छलपूर्ण DNA का सत्य यह हैः-
- भाजपा-जजपा सरकार व HSSC- ‘हरियाणा सर्विस सेल काउंटर’ ने 10,997 ग्रुप D पोस्टों का परिणाम ‘‘दो आधार’’ पर निकाला- एक ‘CET’ मार्क्स के साथ व दूसरा ‘CET’ स्कोर के साथ। इसकी प्रति संलग्नक A1 संलग्न है।
‘CET मार्क्स’ का मतलब है कि 21-22 अक्टूबर, 2023 को हुए CET के 95 नंबर के पेपर में से किसी अभ्यर्थी को कितने नंबर प्राप्त हुए हैं। ‘CET स्कोर’ का मतलब है कि CET एग्ज़ाम के 95 नंबर के पेपर में से प्राप्त नंबर में पाँच अंक ‘सोशो इकॉनॉमिक क्राईटेरिया’ के जोड़ दिए गए हैं। यह ब्रहमांड की पहली सरकार है, जो एक ही पेपर के दो नतीजे निकाल रही है – एक 95 नंबर के आधार पर और एक 100 नंबर के आधार पर। तो दो कटऑफ में से सही कटऑफ क्या होगी?
- पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 19 जनवरी, 2023 को ‘सोशो-इकॉनॉमिक क्राईटेरिया’ पर स्टे दे दिया, यानि पाबंदी लगा दी। हाई कोर्ट के ऑर्डर की प्रतिलिपि संलग्नक A2 संलग्न है।
अब खट्टर जी यह बताएं कि अगर ‘सोशो-इकॉनॉमिक क्राईटेरिया’ के नंबर स्टे कर दिए गए हैं, तो फिर उन सब सलेक्टेड अभ्यर्थियों को, जिनका परिणाम आप सोशो-इकॉनॉमिक क्राईटेरिया के नंबर के साथ निकाल रहे हैं, उनका क्या होगा? मतलब साफ है कि आप उन्हें कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फिर उलझा रहे हैं, तथा इल्ज़ाम विपक्ष पर लगाएंगे।
- मुख्यमंत्री, श्री मनोहर लाल खट्टर ने सार्वजनिक तौर से हरियाणा के युवाओं से वादा किया था कि पहले गुप सी की भर्ती का परिणाम निकालेंगे, और उसके बाद ग्रुप D की भर्ती का परिणाम निकालेंगे। खट्टर जी के बयान की कॉपी संलग्नक A3 संलग्न है।
ग्रुप सी और ग्रुप D में लाखों बच्चों ने रोजगार लेने के लिए अप्लाई किया है। जो बच्चा ग्रुप सी में भर्ती होगा, वह स्वाभाविक तौर से ग्रुप D की भर्ती में नहीं जाना चाहेगा। ग्रुप Dकी भर्ती का परिणाम पहले आने से और ग्रुप सी की भर्ती का परिणाम बाद में आने से नतीजा यह होगा कि वो सारे अभ्यर्थी, जो ग्रुप D में भर्ती होने के बाद ग्रुप सी में भर्ती हो जाएंगे, वह ग्रुप D की भर्ती छोड़कर ग्रुप सी में चले जाएंगे। ग्रुप D के पद फिर खाली रह जाएंगे और काबिल बच्चों को मौका नहीं मिलेगा।
- ग्रुप D की इस भर्ती में सोशो-इकॉनॉमिक क्राईटेरिया के नंबर ‘परिवार पहचान पत्र’ के आय के डेटा के आधार पर दिए जा रहे हैं। परंतु परिवार पहचान पत्र का आय का डेटा अपने आप में ही त्रुटियों और फ्रॉड से ग्रस्त है। इसलिए पीपीपी के डेटा के आधार पर सोशो इकॉनॉमिक क्राईटेरिया के नंबर देना उचित नहीं।
- दिल्ली पुलिस में ग्रुप D के पेपर लीक की एफआईआर दर्ज है। इस एफआईआर का नंबर 807/2023, 21.10.2023 पुलिस स्टेशन रनहोला है। इस एफआईआर की कॉपी संलग्नक A4 संलग्न है। इस बारे CET का पेपर रिश्वत लेकर लीक होने की दो अखबारों की खबरें संलग्नक A5 और A6 संलग्न हैं। ग्रुप D की भर्ती का आधार CET का 95नंबर का पेपर है। जब प्रथम दृष्टि से यह साफ है कि ग्रुप D की भर्ती का CET का पेपर ही लीक हो गया था और कल जब सब दोषियों को सजा मिलेगी, तो इन सारे भर्ती हुए बच्चों की नौकरियाँ भी अपने आप चली जाएंगी। इन सब अभ्यर्थियों की जिंदगी के साथ खट्टर सरकार सीधे-सीधे खिलवाड़ कर रही है।
- ग्रुप D की भर्ती के CET नतीजे की एक अनूठी बात यह है कि खट्टर सरकार ने अक्टूबर 2023 के CET के पेपर की ‘फाईनल आंसर की’ जारी ही नहीं की। आज तक लाखों बच्चों को यह नहीं मालूम कि उनका कौन सा ऑब्जेक्शन HSSC द्वारा मंजूर किया गया और कौन सा नहीं। ऑब्जेक्शन फाईल करने के 100 रुपया प्रति सवाल तो बच्चों से ले लिए, परंतु ‘फाईनल आंसर की’ जारी नहीं हुई। ऐसे में जब गलत सवालों को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी, या फिर गलत जवाब के आधार पर परिणाम त्रुटिपूर्ण पाया जाएगा, तो सलेक्टेड अभ्यर्थी कहाँ जाएंगे।
क्या खट्टर जी यह नहीं जानते कि हाल में ही क्लर्क की पोस्टों में ‘आंसर की’ इसी प्रकार त्रुटिपूर्ण पाई गई, कोर्ट की डायरेक्शन के बाद रिज़ल्ट रिवाईज़ हुआ और अनेकों बच्चे रोजगार से हटा दिए गए। अगर ग्रुप D भर्ती में भी लाखों बच्चों के साथ यह हुआ, तो इसका जिम्मेवार कौन होगा।
- ग्रुप D भर्ती में हजारों कैंडिडेट्स ऐसे हैं, जिनके नंबर कटऑफ से ज्यादा हैं, लेकिन उनका सलेक्शन लिस्ट में नाम नहीं है। खट्टर सरकार ने 07 मार्च 2024 को रात को 12:20मिनट पर ये परिणाम निकालकर ज्वाईनिंग करवा ली ताकि कोई बच्चा न्याय मांगने फौरन फौरी तौर से अदालत में न जा सके। परंतु यह साफ है कि यह पूरा मामला एक षडयंत्र के तहत अदालत में उलझाने का है।
- ग्रुप D की इन भर्तियों में खट्टर सरकार व HSSC द्वारा न ही ऑफलाईन डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन की गई, न बायोमेट्रिक्स मैच किए गए, न दस्तावेज की जाँच हुई, न 5 नंबर क्लेम करने या विदड्रॉ करने का समय दिया गया- बस सीधे ज्वाईनिंग करवा ली गई। ऐसे में जब यह सारी चीजें दोषपूर्ण निकलेंगी, तब तक लोकसभा और विधानसभा का चुनाव पूरा हो जाएगा, तथा उसके बाद साल 2018 की ग्रुप D की भर्तियों की तर्ज पर तीन चौथाई बच्चों को नौकरियों ने निकाल दिया जाएगा। यह अपने आप में शकुनि की चौपड़ का सबसे बड़ा छल है।
उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री, श्री मनोहर लाल खट्टर व HSSC हरियाणा के दस लाख से अधिक ग्रुप D भर्ती के अभ्यर्थियों को इस छल, कपट, फरेब का जवाब दें!