सोनीपत के गांव खेड़ी दमकन निवासी विक्रम देशवाल ने उचाना के घोघड़िया गांव की डाॅ. पिंकी बूरा के साथ बिना दहेज के शादी कर मिसाल कायम की है। कोटा में मेडिकल के छात्रों को कोचिंग देने वाले टीचर विक्रम देशवाल ने अपनी दूरदर्शी सोच के चलते शादी के समय दहेज की स्वीकृति को दृढ़ता से अस्वीकार किया है। डाॅ. पिंकी बूरा के साथ 18 फरवरी को परिणय के सूत्र में बंधने वाले विक्रम देशवाल ने दिल्ली आईआईटी से एमटैक की है और उनके पिता डाॅ. रामकंवर देशवाल कृषि विभाग में एसडीओ और मां भी खानपुर महिला विश्वविद्यालय में लैब टैक्नीशियन हैं।
विक्रम का कहना है कि उन्हें शुरु से ही ठाना हुआ था कि वह बिना दहेज के शादी करेंगे। विवाह जैसा पवित्र बंधन भौतिक संपत्ति की बजाय आपसी सम्मान, समझ और सांझा मूल्यों पर आधारित होना चाहिए। वहीं घोघड़िया गांव के पूर्व सरपंच प्रतिनिधि रणबीर सिंह की बेटी पिंकी बूरा ने कैमिस्ट्री में पीएचडी की हुई है। डाॅ. पिंकी बूरा घोघड़िया के राजकीय कन्या हाई स्कूल और काकड़ौद कन्या स्कूल की रोल मॉडल रह चुकी हैं और शुरु से ही पढ़ाई में अव्वल रही हैं। गांव के राजकीय कन्या हाई स्कूल के अंग्रेजी प्रवक्ता मा. रमेश कौशिक ने बताया कि डाॅ. पिंकी बूरा होनहार छात्रा रही हैं। दहेज प्रथा समाज पर कलंक है। इसकी जद में आकर कई परिवार उजड़ गए हैं। युवाओं को बगैर दहेज शादी करने के लिए आगे आना चाहिए। इससे इस कुप्रथा का अंत संभव है।