कर्ण स्टेडियम में चार वर्ष पहले 2.44 करोड़ रुपये की लागत से बने तीन वाॅलीबॉल और दो बास्केटबाॅल कोर्ट को सिंथेटिक बनाया गया था। ताकि खिलाड़ियों के खेल के स्तर को और बेहतर किया जा सके, लेकिन चार साल बाद ही ये कोर्ट उखड़ने लगे हैं।
यदि समय पर इन्हें ठीक नहीं किया गया तो करीब ढाई करोड़ रुपये से बने ये ट्रैक मिट्टी में मिल जाएंगे। कर्ण स्टेडियम में यह कार्य पीडब्ल्यूडी की ओर से शिव नरेश कंस्ट्रक्शन कंपनी के माध्यम से करवाया गया था। उस दौरान स्टेडियम में पांच कोर्ट बनाने का कार्य शुरू किया गया। शुरूआत में इन कोर्ट का एस्टीमेट 1.54 करोड़ रुपये था, लेकिन जैसे-जैसे निर्माण कार्य आगे बढ़ा अतिरिक्त बजट की जरूरत पड़ी। पीडब्ल्यूडी ने खेल विभाग को निर्माण कार्य के लिए अतिरिक्त 90 लाख रुपये का रिवाइज एस्टीमेट बनाकर भेजा। जिसकी मंजूरी मिलने के बाद इन पांचों कोर्ट में सिंथेटिक ट्रैक का कार्य पूरा हुआ।
कोर्ट का मुआना करने पर पाया गया कि कहीं ट्रैकों पर पानी की उचित निकासी नहीं है जिस कारण इनमें पानी रुकता है। यही नहीं स्टेडियम में वर्षा चल संचयन के लिए बने सभी बोरवेल गंदगी से अटे हैं। सिंथेटिक टैक समतल न होने से कोर्ट पर बिछी रबड़ उखड़ने लगी हैं। वाॅलीबाॅल कोर्ट के ट्रैक ज्यादा जर्जर हैं। वाॅलीबाॅल नेट के पोल के पास, कोर्ट के बीच व बास्केटबाॅल पर कई जगह से रबड़ टूट चुकी है। यदि समय रहते इन्हें दुरुस्त नहीं करवाया गया तो पूरी रबड़ भी उखड़ सकती है।