किसानों को रोकने के लिए नेशनल हाईवे सील रखा गया, वहीं दिल्ली की ओर से अंबाला व पंजाब-चंडीगढ़ आदि जाने वाले वाहनों को डायवर्ट रूटों से ही निकाला जाता रहा। प्रशासन के ओर से किसानों को रोकने के लिए पहले कीलों की चादर बिछाई गई है।किसानों की ओर से बुधवार को सुबह 11 बजे तक मांगें न माने जाने पर दिल्ली कूच की चेतावनी के बादप्रशासन भी पूरी तैयारी में आ गया है। दिल्ली-अंबाला नेशनल हाईवे पर मारकंडा नदी से पहले की गई किलेबंदी को अल्टीमेटम खत्म होने से एक दिन पहले और पुख्ता किया गया। ऐसे में किसान शंभू बार्डर पार करने में कामयाब भी रहे तो यहां से गुजरना भी आसान नहीं होगा।
नेशनल हाईवे पिछले नौ दिनों से सील है। पहले दिन से ही पुलिस व सुरक्षा बलों के जवान पूरी तरह से सतर्क हैं। किसानों को यहां से दिल्ली की ओर आगे बढ़ने से रोकने के लिए हर इंतजाम किए गए। बीच में कई दिनों तक किसान शंभू बार्डर पर ही जमे रहे, जिसके चलते प्रशासन को कुछ राहत मिली। अब बुधवार 11 बजे के अल्टीमेटम ने प्रशासन व पुलिस की धड़कनें बढ़ा दी हैं। इस पर यहां सुरक्षा व्यवस्था और अधिक पुख्ता की गई है।