मानकपुर में फैक्टरी के बाहर पकड़े गए अवैध यूरिया को वैध करने के मामले में कृषि विभाग के क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर बलबीर सिंह भान, खाद डीलर सुमित के साथी दुसानी निवासी धर्मेंद्र दुसांई व यूट्यूबर माेहित ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। जमानत के लिए आरोपी पक्ष के वकीलों व पुलिस की तरफ से कोर्ट में करीब डेढ़ घंटा तक अपना-अपना पक्ष रखा गया। आखिर में एडीजे जगदीप सिंह की कोर्ट ने तीनों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उनकी अग्रिम जमानत याचिका को मंजूर कर लिया। आरोपी पक्ष के वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि नियमानुसार जांच करने तथा एफआईआर में नाम न होने के बावजूद उनके क्लाइंट को फंसाया जा रहा है। पुलिस की सारी कार्रवाई निराधार है।
क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर बलबीर सिंह भान का पक्ष रखते हुए उनके वकील मुकेश देसवाल ने कोर्ट में कहा कि बलबीर सिंह ने कोई गलत जांच नहीं की है। जब फैक्टरी के बाहर यूरिया पकड़ा गया था तो पुलिस ने ही कृषि विभाग के कार्यालय में फोन करके बलबीर भान को बुलाया था। जो बिल डीलर ने पेश किए उनके आधार पर लाइसेंस की जांच की गई। जांच में बताया गया है कि डीलर का लाइसेंस सही है। उधर, दुसानी गांव निवासी धर्मेंद्र के वकील अमनदीप सिंह ने कोर्ट में कहा कि पुलिस द्वारा जो एफआईआर इस मामले में दर्ज की गई है उसमें कहीं भी धर्मेंद्र का नाम नहीं है। उसे इस केस में फंसाने का प्रयास हो रहा है। इसलिए धर्मेंद्र को अग्रिम जमानत दी जाए। यूट्यूबर मोहित के वकील मनवीर कलेर ने कोर्ट में कहा कि मोहित पर इस मामले में 50 हजार रुपये लेने के आरोप लगाए जा रहे हैं। यदि मोहित ने रुपये लिए होते तो वह वीडियो को क्यों चलाता। आरोपियों की अग्रिम जमानत मंजूर न हो इसके लिए पुलिस ने भी मजबूती के साथ कोर्ट में अपना पक्ष रखा। फिर भी कोर्ट ने बलबीर भान, धर्मेंद्र व मोहित की अग्रिम जमानत याचिका को मंजूर कर लिया।
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पांच फरवरी को पकड़ी थी यूरिया से भरी ट्राली
मानकपुर में एक फैक्टरी के बाहर से पांच फरवरी को पुलिस ने कृषि कार्य में उपयोग होने वाले यूरिया से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को पकड़ा थ। पुलिस से पहले मौके पर दो यूट्यूबर व कुछ और लोग पहुंच गए थे। पुलिस ने ट्रॉली को कब्जे में लेकर थाने में खड़ी करते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचना दी।