किसानों के दिल्ली कूच को लेकर जहां एक तरफ अंबाला में शंभू और जींद में दातावाला सिंह बॉर्डर पर बवाल हुआ। वहीं, कैथल जिले में पंजाब के टटियाना और संगतपुरा बॉर्डर पर भी किसानों के आने का अंदेशा था। ऐसे में जिला प्रशासन की पूरा दिन सांसे फूली रही, लेकिन जिले में इन दोनों ही बॉर्डरों पर किसानों के न पहुंचने पर प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
मंगलवार सुबह से ही प्रशासनिक अमले ने टटियाना व संगतपुरा बॉर्डर पर डेरा डाल लिया था। पंजाब के पटियाला जाने के लिए टटियाना गांव में बॉर्डर का मुख्य रास्ता है। इस स्थिति में जिला प्रशासन ने सात चरण में ही सुरक्षा कर दी थी। यहां पर सुबह से ही करनाल मंडल के पुलिस महानिरीक्षक संतेद्र गुप्ता, एसपी उपासना, डीसी प्रशांत पंवार, एडीसी सी जया श्रद्धा सहित अन्य अधिकारी मौके पर ही मौजूद थे। पुलिस महानिरीक्षक सतेंद्र गुप्ता वहां पर ही मौजूद रहे।
इस दौरान उन्होंने स्थिति पर पूरी तरह से नजर बनाए रखी परंतु किसानों के जींद में दाता सिंह वाला और अंबाला में शंभू बॉर्डर पर ही काफी संख्या में एकत्रित होने के चलते वे कैथल जिले में पंजाब से लगते हुए बॉर्डरों पर नहीं पहुंचे। हालांकि इस बॉर्डर पर सुबह के समय पंजाब के 15 करीब किसान पैदल ही पहुंचे थे, लेकिन यहां पर प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें वापस भेज दिया। पुलिस ने इन किसानों से आह्वान किया वे धारा 144 के नियमों का पालन करें। इसके बाद ये किसान वापस लौट गए।
किसानों को रोक कर गलत कर रही हरियाणा सरकार : निशान सिंह
पंजाब के एक किसान संगठन के नेता निशान सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों को रोक कर बहुत गलत कर रही है। अब तो हरियाणा सरकार के आदेशों पर प्रशासन ने रास्ते बंद किए हैं। परंतु जब यह रास्ते खुलेंगे तो किसान भी अपना पक्का मोर्चा लगाने से पीछे नहीं हटेंगे। कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ धरना व प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन हरियाणा सरकार उन्हें नहीं करना दे रही है, जो नाइंसाफी है। किसान के सब्र का बांध टूट गया तो वह पीछे नहीं हटेगा।
दोपहर बाद आमजन के लिए भी बंद किया गया पंजाब बॉर्डर, इससे पहले पैदल ही जा रहे थे लोग
गौरतलब है कि दोपहर के समय जब अंबाला के शंभू बॉर्डर के बाद जींद के दाता सिंह वाला बॉर्डर पर बवाल हुआ तो जिला प्रशासन से पंजाब बॉर्डर पर आमजन के लिए पूरी तरह से बंद किया गया। क्योंकि पटियाला के लिए एकमात्र रास्ता भागल से बोपुर व बलबेहड़ा तक का रास्ता खोला गया था। इसके साथ ही टटियाना बॉर्डर से पैदल पहुंच रहे लोगों को दूसरे रास्ते अपनाने की हिदायत दी।