Sunday , 10 November 2024

Farmer Protest: किसान तो कभी पुलिस हटती रही पीछे, दातासिंह वाला बॉर्डर पर किसानों और जवानों के बीच चला संघर्ष,,

जींद जिला हमेशा राजनीतिक गढ़ रहा है। अब यह किसान आंदोलन का गढ़ बनता जा रहा है। दो वर्ष पहले भी किसान आंदोलन के दौरान पंजाब के किसान जींद से होते हुए दिल्ली पहुंचे थे। जींद जिले की सीमा पंजाब के साथ लगती थी। दिल्ली जाने के लिए यही रास्ता सबसे उपयुक्त है। दातासिंह वाला गांव के पास पंजाब का बॉर्डर है। 

पंजाब के किसान पहले भी दातासिंह वाला बॉर्डर से होते हुए जींद पहुंचे थे। उसके बाद दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। इस बार पुलिस ने सुरक्षा के काफी इंतजाम किए हैं, इसलिए किसान बॉर्डर पर ही संघर्ष कर रहे हैं। अभी तक पंजाब के किसान हरियाणा में प्रवेश नहीं कर पाए हैं। 

रात को उनके हरियाणा में प्रवेश करने की उम्मीद है। पुलिस ने इसको भांपते हुए नरवाना शहर से हिसार-चंडीगढ़ की तरफ जाने वाले फ्लाईओवर को भी पुलिस ने ब्लॉक कर दिया है। इसके बाद उचाना में भी पुलिस ने नाका लगा दिया है। संवाद

सुबह दस बजे
सुबह 10 बजे तक दातासिंह वाला बॉर्डर पर स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में थी। इसके बाद बाइकों से काफी किसान पंजाब की तरफ से दातासिंह वाला बॉर्डर पर पहुंच गए। लगभग 11 बजे इन्होंने दातासिंह वाला बॉर्डर पर लगाई गई कीलों को उखाड़ने का प्रयास किया। इस पर पुलिस ने इनको खदेड़ दिया। यह किसान इसके बाद पीछे हट गए। 

दोपहर तीन बजे

दो बजे के आसपास काफी संख्या में और किसान यहां जमा हो गए और हरियाणा के किसान भी इनकी मदद के लिए पहुंच गए। 2 बजे किसानों ने फिर से कीलों को उखाड़ना शुरू कर दिया। इस पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार शुरू कर दी। लगभग एक घंटे तक कभी किसान पीछे हट गए तो कभी पुलिस पीछे हट गई। यह सिलसिला जारी रहा।

दोपहर तीन बजे
दोपहर तीन बजे किसानों की संख्या बढ़ गई और फिर से वह बॉर्डर की तरफ बढ़ने लगे। इस बार पुलिस ने फिर से आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन से पानी की बौछार शुरू कर दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *