जनस्वास्थ्य विभाग जल संरक्षण के लिए लगातार विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक करने का प्रयास क र रहा है। अब जल संरक्षण के लिए दीवारों पर स्लोगन लिखवाने का काम विभाग शुरू करेगा। इसके लिए जिले के सभी 300 गांवों में 900 स्थानों को चयनित किया गया है। इस पर 5.43 लाख रुपये खर्च कर स्लोगन लिखवाए जाएंगे। इसका बजट जारी हो चुका है।इस कार्य की जिम्मेदारी ग्राम जल समिति को दी गई है। जिसके माध्यम से यह कार्य इसी महीने में जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू करवा दिया जाएगा। इसमें कई स्लोगन लिखे जाएंगे। जिसमें ग्रामीण जल समिति की है जिम्मेदारी जल के प्रति सुनिश्चित करे सबकी भागीदारी, खुला नल दूषित जल करता है, बीमार उठो जागो आओ मिलकर करें इसका सुधार, पेयजल पर है सबका अधिकार हर घर नल से स्वच्छ जल, हम सबकी यही पुकार स्वच्छ हो जल हमारा। हर उपभोक्ता को जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा 55 लीटर पेयजल उपलब्ध करवाया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल योजना के तहत पेयजल उपलब्ध करवाया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में नल से जल भरने के बाद नल को खुला छोड़ दिया जाता है। इससे अधिक जल बर्बाद होकर नालियों में बहता है। नालियों में बहने वाले जल को रोकने व लीकेज पाइप लाइन को बंद करने समेत हर तरह से लोगों को जागरूक करने के लिए यह अभियान चलेगा। ग्रामीण क्षेत्र में नल पर ही पशुओं को नहलाना, गाड़ियां धोना, खुले में नल के नीचे बैठकर स्नान करना, पशुओं के गोबर को जल के साथ साफ करके नालियों में बहाना आम बात है। इसको रोकने के लिए लोगों को स्लोगनों के माध्यम से जागरूक किया जाएगा।जल संरक्षण के लिए हर व्यक्ति को जागरूक करने के लिए यह स्लोगन लिखवाए जा रहे हैं, ताकि हर व्यक्ति जल का संरक्षण करने के लिए खुद जागरूक होकर आगे आए। नल का जल खुला छोड़ दिया जाता है। जिससे गलियों में पानी व्यर्थ बहकर बर्बाद होता है। इस जल का संरक्षण करना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है।