भव्य मंदिर में 22 जनवरी को रामलला विराजेंगे। इसके लिए सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं में खुशी की लहर है। इस कार्यक्रम धर्मनगरी में दो लाख घरों में अक्षत वितरित किया जा चुका है। इस अक्षत को वितरित करने में सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं की अहम भूमिका रही हैं।इसको लेकर सामाजिक संस्थाओं के साथ-साथ मंदिरों में भी आयोजन की तैयारियां की जा रही हैं। अयोध्या में राम मंदिर बनने से राम भक्तों में खुशी और उत्साह बना हुआ है। धर्मनगरी से भी विभिन्न संस्थानों से जुड़े करीब 12 संत इस आयोजन में शामिल होंगे। इसके लिए बाकायदा श्री राम जन्म भूमि ट्रस्ट की ओर से विशेष आमंत्रण भेजा गया है, इसके लिए संतों ने अयोध्या के लिए प्रस्थान करना भी शुरू कर दिया है। धर्मनगरी के आमजन के साथ-साथ संतों में भी अयोध्या में होने वाले श्री राम प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा समारोह का साक्षी बनने की बेताबी है।धर्मनगरी से गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, भारत साधु समाज के प्रदेशाध्यक्ष एवं स्थाणुवेश्वर महादेव मंदिर के महंत बंसी पुरी, अखंड गीता धाम के महामंडलेश्वर शाश्वतानंद गिरी महाराज, वासुदेवानंद, वात्सल्य वाटिका के संस्थापक हरिओम परीव्रजक, जगद्गुरु ब्रह्मानंद आश्रम एवं वैदिक केंद्र की साध्वी एवं जगदगुरु ब्रह्मानंद ट्रस्ट की अध्यक्ष मैत्रेय देवी आनंद सहित करीब 12 संतों को अभी तक न्यौता मिल चुका है।