अंबाला शहर से रोजाना करीब 200 टन कूड़ा उठ रहा है। यह कूड़ा घर-घर से उठने के बाद छह डंपिंग प्वाइंट पर जाता है और उसके बाद पटवी में ले जाया जाता है। निगम साल में करोड़ों रुपये शहर में सफाई व्यवस्था पर खर्च कर रहा है, उसके बाद भी प्रदेशभर में टॉप-पांच में जगह नहीं बना पाया। शहर में गंदगी को लेकर नगर निगम व फाइनेंस कमेटी की बैठक में भी सवाल उठ चुके हैं। वहीं बीते दिनों भी सीएम फ्लाइंग की टीम को शहर में निरीक्षण के दौरान कई जगहों पर गंदगी मिली थी। सिटी में 12 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट हैं। सिटी में सफाई के साथ ही डंपिंग प्वाइंट के भी नंबर कटे हैं।
अंबाला छावनी में सफाई व्यवस्था अच्छी मिली थी। नगर परिषद 83 कंपोस्ट पिट पर गीले कचरे से खाद भी बना रहा है। कूड़े को अलग-अलग जगहों पर सेग्रीगेट कर भेजा जा रहा है। छावनी में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट चार बन रहे हैं। इनमें बब्याल में एक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अभी चला है। छावनी में रोटरी अस्पताल के पीछे मैटेरियल रिकवरी फैसेलिटी (एमआरएफ) बनाया गया है। यह अंबाला शहर में नहीं है। छावनी से रोजाना करीब 106 टन कूड़ा उठ रहा है। छावनी में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के नंबर कटे हैं।
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पिछली पर देश में निगम का 91वां और परिषद का था 102वां रैंक
पिछली बार एक से तीन लाख की जनसंख्या ली गई थी। इस बार एक से 10 लाख जनसंख्या तक सर्वेक्षण कर अंक दिए गए। पिछली बार नगर परिषद अंबाला सदर का राष्ट्रीय स्तर पर रैंक 102 रहा था और नगर निगम अंबाला शहर का 91 रैंक था।
नगर परिषद अंबाला सदर
देशभर में रैंकिंग 245, राज्य में 10वां रैंक
डोर टू डोर कोलेक्शन व वेस्ट—93 प्रतिशत
सोर्स सेग्रीगेशन—22 प्रतिशत
वेस्ट जनरेशन व प्रोसेसिंग—07 प्रतिशत
कूड़ेदानों का निवारण—0 प्रतिशत
आवासीय क्षेत्रों की साफ-सफाई—–91 प्रतिशत
बाजार क्षेत्र में साफ-सफाई—91 प्रतिशत
जल निकायों की सफाई—-100 प्रतिशत
सार्वजनिक शौचालय—100 प्रतिशत
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बराड़ा
देशभर में रैंकिंग 2850, राज्य में 44 वां रैंक
डोर टू डोर कलेक्शन व वेस्ट—04 प्रतिशत
सोर्स सेग्रीगेशन— 02 प्रतिशत
वेस्ट जनरेशन व प्रोसेसिंग—00 प्रतिशत
कूड़ेदानों का निवारण—00 प्रतिशत
आवासीय क्षेत्रों की साफ-सफाई—–07 प्रतिशत
बाजार क्षेत्र में साफ-सफाई—06 प्रतिशत
जल निकायों की सफाई—-33 प्रतिशत
सार्वजनिक शौचालय—00 प्रतिशत
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