पटवारखाने पर ताला जड़ा और राज्य कार्यकारिणी के आह्वान पर लघु सचिवालय में समक्ष धरने पर डटे रहे। इधर, हड़ताल का असर जनता पर भी दिखाई देने लगा है। करनाल तहसील में शुक्रवार को आधी रजिस्ट्री ही हो पाई। पूरे दिन के लिए 92 टोकन लगे थे लेकिन इनमें से करीब 50 ही रजिस्ट्री हुई। अन्य कार्यों के लिए भी तहसील पहुंचे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। पटवारखाने व सरल केंद्र में बनी जमाबंदी खिड़की भी बंद नजर आई, उस पर हड़ताल का नोटिस चस्पा मिला। इस अवसर पर पूर्व जिला प्रधान कश्मीर सिंह, उपप्रधान अशोक कुमार, सचिवधीरज सेठी, अमित कालिया, नीरज हुडा, राजेश कुमार, जसबीर सिंह, विजय पाटिल, राजेश भुक्कल, सतीश कुमार, पाला राम पटवारी, सोनू शर्मा, राजेश सहगल, रमेश कानूनगो, मनोज नारंग मौजूद रहे।
वेतन विसंगति और भर्ती है मांगें
पटवारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री की ओर से जनवरी 2023 में पटवारियों का वेतन मान 25500 से 32100 करने की घोषणा की गई थी और उसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई थी। पटवारियों की मांग है की यह अधिसूचना 2016 से लागू की जाए, क्योंकि जो पटवारी 2016 बैच के हैं उनका वेतनमान आज 31100 है जिससे 2016 बैच को कोई फायदा नहीं मिला है और एसीपी का भी नुकसान हुआ है।