बुनियादी ढांचा निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल व सरकारी धन के गबन के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में स्थानीय निकाय विभाग के जवाब पर असंतुष्टि जता दी है।
हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा है कि क्या विजिलेंस ने अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की सिफारिश की थी और साथ ही आपराधिक कार्रवाई की सिफारिशों का ब्योरा व धन के गबन, दुरुपयोग, घटिया निर्माण के सिद्ध आरोप के बावजूद दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदारों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू नहीं होने का कारण 29 फरवरी तक बताने का आदेश दिया है।
बताते हुए कहा कि इसमें यह जिक्र नहीं है कि सतर्कता ब्यूरो ने अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कोई आपराधिक कार्रवाई शुरू करने की सिफारिश की थी या नहीं। इससे पहले हाईकोर्ट ने कहा था कि शहरी निकाय विभाग उन लोगों को बचाने के लिए फाइलें दबाए रखता है जो इसमें शामिल थे या धोखाधड़ी के संदिग्ध थे।