हरियाणा सरकार एक कार्य योजना तैयार कर रही है। यह योजना अगले दो महीने में तैयार हो जाएगी। इसके तहत खनन वाले क्षेत्रों में ड्रोन तैनात करना, सेटेलाइट से निगरानी, सीसीटीवी लगाने, टॉवर व चेक पोस्ट स्थापित करना शामिल है। 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुग्राम, फरीदाबाद और नूंह की पहाड़ियों पर खनन पर पूर्व प्रतिबंध लगा दिया था। मगर इसके बावजूद अवैध खनन जारी है। अवैध खनन रोकने में सरकार नाकाम रही। इस बारे में स्थानीय लोगों ने कई बार आवाज उठाई, मगर कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा सके। यहां तक नूंह में डीएसपी को कुचलकर मार दिया गया। वहीं, खनन की वजह से पहाड़ों को खोद-खोदकर खोखला कर दिया गया है।
अरावली की पहाड़ियां खनिज, वनस्पति व जीवों से भरी हुई हैं। यह पहाड़ियां दिल्ली व हरियाणा के कुछ हिस्सों को धूल और रेतीले तूफानों से बचाती है। यदि यह पहाड़ियां न हो तो शहरों में प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है।