हरियाणा के हजारों आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से लाखों नौनिहालों, गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं को केंद्र-प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ देने व लाभार्थियों की निगरानी करने की दिशा में सुशासन दिवस मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। सोमवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सुपरवाइजर, महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को स्मार्ट फोन देने की प्रक्रिया का शुभारंभ करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग को पेपरलेस करने की ओर बढ़ाने की शुरुआत करेंगे।
कल्याणकारी नीतियों का लाभ देने में स्मार्ट फोन अहम कड़ी साबित
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश की 67 प्रतिशत आबादी को रियल टाइम आधार पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की कल्याणकारी नीतियों का लाभ देने में स्मार्ट फोन अहम कड़ी साबित होने जा रहे हैं।
डिजिटल इंडिया के संकल्प पर आगे बढ़ते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग तकरीबन 28 करोड़ रुपये की राशि खर्च करते हुए 28 हजार 484 स्मार्ट फोन की खरीद की गई है, जिन्हें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सुपरवाइजर व महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को स्मार्ट फोन दिया जाएगा।
लाभार्थियों का डेटा होगा महज एक क्लिक दूर
इस डिजिटल दौर में अब प्रदेश के प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र के दायरे में आने वाले लाभार्थियों का डेटा महज एक क्लिक दूर होगा। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र पर काम कर रही कार्यकर्ताओं को अब तक विभिन्न योजना व उनके लाभार्थियों की अपडेट जानकारी 10 अलग-अलग रजिस्टर में चढ़ानी पड़ती थी।
इसमें आंगनबाड़ी केंद्र के दायरे में बच्चों, महिलाओं का सर्वे करना, राशन का आंकड़ा, बच्चों व माताओं की हाजिरी, पूर्व स्कूल शिक्षा की हाजिरी, गर्भवती महिलाओं का रिकार्ड, टीकाकरण का रिकार्ड, होम विजिट का रिकार्ड, बच्चों व गर्भवती महिलाओं को रेफर करने का रिकॉर्ड, मासिक रिपोर्ट, जिसमें टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच संबंधी रिकार्ड का सारांश व वजन संबंधी रिकार्ड इन रजिस्टर में चढ़ाना पड़ता था। अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को यही काम उन्हें दिए गए स्मार्ट फोन में करना होगा। इससे लंबे-चौड़े रिकार्ड को संभालने से भी निजात मिलेगी।
खंड, जिला, मुख्यालय स्तर पर रियल टाइम निगरानी संभव होगी
राज्य मंत्री कमलेश ढांडा ने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं को लाभार्थी तक पहुंचाने व लाभार्थियो में हो रहे सुधार की निगरानी महज कंप्यूटर की एक क्लिक जितनी दूरी पर होगी। बच्चों की वृद्धि की निगरानी, गर्भवती महिलाओं व बच्चों को दिए जाने वाले पोषाहार, बच्चों का वजन व माप, आंगनबाड़ी केंद्र भवन की आधारभूत संरचना जैसे सभी विषयों की खंड, जिला व मुख्यालय स्तर पर निगरानी की जा सकेगी।