केंद्र सरकार ने संसद में विमान यात्रियों की संख्या, हवाई किराए और यात्रियों के हितों के लिए उठाए गए कदमों पर किए सवालों का जवाब दिया। सरकार ने लोकसभा में बताया कि पिछले नौ वर्ष में हवाई यात्रियों की संख्या बढ़कर 14 करोड़ हो गई है।
2023 तक यह आंकड़ा तीन गुना बढ़कर 42 करोड़ तक पहुंच सकता है। इसके अलावा नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हवाई किरायों को लेकर एयरलाइंस के साथ चर्चा की है। उन्हें सलाह दी गई है कि किराया तय करते समय वे यात्रियों के हितों को ध्यान में रखें। इस दौरान किराये को खुद नियंत्रित रखने की सलाह भी दी गई।
कांग्रेस के के. सुरेश ने पूछा कि पश्चिम एशिया के देशों में काम करने वाले केरल के प्रवासी नागरिक छुट्टियों और त्योहारों के दौरान 10 गुना अधिक किराये का भुगतान करते हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार क्या कर रही है? इस पर नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सरकार ने विमानन कंपनियों से इन देशों के लिए उड़ान की संख्या बढ़ाने को कहा है। अगर ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर किराये में बढ़ोतरी पर रोक लगेगी।
‘उड़ान’ योजना पर कही यह बात
उन्होंने कहा कि यात्रियों की संख्या में इस बढ़ोतरी के बीच उड़ान योजना कारगर साबित हो रही है। इस योजना के तहत 76 हवाई अड्डों से उड़ानें शुरू की गई हैं। आंकड़े बताते हैं कि काफी कम समय में एक करोड़ 30 लाख लोग ‘उड़ान’ योजना के तहत हवाई यात्रा कर चुके हैं। पूर्ण रूप से नियंत्रित विमानन कंपनी शुरू करने की सरकार की योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार ने देश को नए नागर विमानन युग में ले जाने के संकल्प के साथ एयर इंडिया का विनिवेश किया है। इसका फायदा देश के विमान यात्रियों को निश्चित ही मिलेगा।