Sunday , 24 November 2024

Haryana में 75 फीसदी आरक्षण का कानून रद्द, जानें पंजाब-हरियाणा HC ने क्या कहा ?

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हरियाणा सरकार को झटका देते हुए निजी क्षेत्र में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण देने वाले कानून को असंविधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर इस कानून को मंजूरी दी गई तो हर राज्य ऐसा ही करेगा और देश के भीतर एक कृत्रिम दीवार खड़ी हो जाएगी, जिसकी किसी भी कीमत में अनुमति नहीं दी जा सकती। हरियाणा सरकार ने नवंबर 2021 में हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों का रोजगार अधिनियम की अधिसूचना जारी की थी। 15 जनवरी 2022 से यह कानून पूरे राज्य में लागू हो गया था।

हरियाणा सरकार ने दलील दी कि उद्योगों को भूमि रियायती दरों पर देते हुए स्थानीय लोगों को 75 प्रतिशत आरक्षण की शर्त आवंटन पत्र में स्पष्ट थी। एचएसआईआईडीसी की 2005 और 2011 की नीति में भी इसका स्पष्ट उल्लेख था। ऐसे में जनहित में स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने में यह कानून बेहद अहम है। सरकार की ओर से कहा गया कि प्रवासी कम वेतन वाले रोजगार के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं और इसी का नतीजा है कि शहरी इलाकों के निकट झुग्गियां बनती जा रही हैं। इसके साथ ही विकास कार्यों के लिए सरकार ने विभिन्न स्थानों पर भूमि का अधिग्रहण किया है और इसके कारण भूमि के मालिक बेरोजगार हो गए हैं। इस कानून का फायदा इन लोगों को मिलेगा और स्थानीय लोगों में बेरोजगारी कम होगी।

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