भारत की मेजबानी में शुक्रवार को वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान विभिन्न वैश्विक घटनाक्रमों पर चर्चा होगी। इस समिट का आयोजन डिजिटल प्रारूप में किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत 17 नवंबर को डिजिटल प्रारूप में दूसरे ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इस सम्मेलन की अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत 17 नवंबर को वर्चुअल फॉर्मेट में दूसरा वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट की मेजबानी करेगा। इस कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी। इस दौरान मंत्रिस्तर के सत्रों का आयोजन शाम चार बजे से शुरू होगा. इस दौरान ऊर्जा, स्वास्थ्य और वाणिज्य मंत्री सत्रों में शामिल होंगे। कार्यक्रम का समापन सत्र शाम 6.30 बजे होगा।
यह पूछने पर कि इस समिट के निमंत्रण को किन-किन ने स्वीकार किया है। इस पर बागची ने कहा कि मैं वर्चुअल समिट में शामिल होने वाले नेताओं पर बात नहीं करूंगा।
इस साल के समिट की थीम ‘टुगेदर, फॉर एवरीवन्स ग्रोथ विद एवरीवन ट्रस्ट’ है। इस दौरान विदेशी मामलों, शिक्षा, वित्त, पर्यावरण, ऊर्जा, स्वास्थ्य सहित वैश्विक मुद्दों पर केंद्रित होंगे।
क्या है ग्लोबल साउथ?
- आर्थिक और सामाजिक विकास के आधार पर दुनिया को दो हिस्सों में बांटा गया है। एक है- ग्लोबल नॉर्थ और दूसरा- ग्लोबल साउथ।
- ग्लोबल नॉर्थ में अमेरिका, जापान, कोरिया, यूरोपीय देश जैसे दुनिया के विकसित और समृद्ध देश शामिल हैं।
- जबकि, ग्लोबल साउथ में आर्थिक और सामाजिक विकास के आधार पर कम विकसित या विकासशील देश हैं. इसमें लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, एशिया और ओशिनिया के देश हैं।
ग्लोबल साउथ में कितने देश हैं?
- ग्लोबल साउथ में लगभग 100 देश आते हैं. इस साल 12-13 जनवरी को भारत ने ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ नाम से वर्चुअल समिट आयोजित की थी।
- इस समिट में सौ से ज्यादा देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। ये पहली बार था जब इतने बड़े पैमाने पर ग्लोबल साउथ देशों का सम्मेलन हुआ था।
- भारत के पास इस समय जी-20 का अध्यक्ष भी है. ये पहली बार है जब भारत के पास जी-20 की अध्यक्षता आई है। जी-20 में भारत ग्लोबल साउथ के मुद्दों को उठाने की कोशिश करेगा।