हरियाणा के सात शहरों और दिल्ली समेत अब चंडीगढ़ की हवा भी प्रदूषित हो चुकी है। इसके सबसे बड़ा कारण पराली का जहरीला धुआं माना जा रहा है। खुले में कचरा जलाने से लेकर फैक्ट्रियों की चिमनियां से निकल रहा धुआं भी प्रदूषण बढ़ा रहा है। हालत इसी तरह के बने रहे तो दिवाली से पहले ही रिहायशी क्षेत्र में भी सांस लेना मुश्किल हो जाएगा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से रविवार को जारी सूची में हरियाणा के चार शहरों में दिल्ली से ज्यादा प्रदूषण था। सोनीपत तो देश का सबसे प्रदूषित रहा। चंडीगढ़ में एक्यूआइ 168 रहा। विशेषज्ञों के मुताबिक दीपावली जैसे नजदीक आती जाएगी, प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता जाएगा। दीपावली पर ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है। चाइनीज पटाखों के मुकाबले ग्रीन पटाखों से कम प्रदूषण होता है, लेकिन ग्रीन पटाखों से निकलने वाले जहरीले धुएं से भी प्रदूषण होता है।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्व विद्यालय के मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डा. मदन खीचड़ ने बताया कि इस समय नाममात्र की गति से उत्तर-पश्चिम हवा चल रही है। इससे तापमान में ठंड बन रही है। इस वजह से प्रदूषण फैलाने वाले कण ऊपर नहीं बढ़ रहे। सुबह-शाम स्मॉग दिखाई दे रही है। मौसम भी शुष्क बना हुआ है और अगले एक सप्ताह से वर्षा की भी कोई संभावना नहीं है। चार दिन बाद हवा की गति बढ़ने की संभावना बन रही है। इससे प्रदूषण में कमी हो सकती है।