हरियाणा के झज्जर जिले के गांव खरहर निवासी अंगद का पैर लद्दाख की भूमि पर ऐसा टिका कि राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाकर ही हटा। मात्र 13 साल की उम्र में अंगद ने यह कारनामा किया है। उन्होंने सबसे कम उम्र में विश्व के सबसे ऊंचे दर्रा उमलिंग ला पर पर्वतारोहण और सर्वाइवल ट्रेनिंग एक्सरसाइज (जीवन रक्षा प्रशिक्षण अभ्यास) पूरा किया है।
इस उपलब्धि पर उनका इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ है। अंगद के पिता प्रदीप भारद्वाज ने बताया कि माउंट एवरेस्ट बेस कैंप से भी अधिक ऊंचाई पर भारत का उमलिंग ला दर्रा बना है, जिसकी ऊंचाई 19,024 फीट है। ऐसे स्थान पर ऑक्सीजन न के बराबर होती है।
अंगद ने वहां रहकर सात दिवसीय जीवन रक्षा अभ्यास पूरा किया है। पर्वतारोहण से जुड़े इस साहसिक कार्य को कर अंगद ने भारत-चीन बॉर्डर पर देश का मान बढ़ाया। अंगद ने विषम परिस्थितियों और माइनस तापमान में बेहद कठोर प्रशिक्षण रक्षा मंत्रालय के सीमा सड़क संगठन के साथ बीते 19 से 25 अगस्त तक लिया है।
डॉ. प्रदीप भारद्वाज ने बताया कि बेटा अंगद अत्यंत जोखिम भरी यात्रा जैसे अमरनाथ, केदारनाथ में गर्मी की छुट्टियों में जाकर सामाजिक सेवा व पहाड़ के यात्रियों के लिए गाइड का भी कार्य करते हैं। अंगद को भारतीय वायुसेना, आईटीबीपी की ओर से पर्वतारोहण में भी प्रशिक्षण प्राप्त है।