दिवाली के आसपास दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इसकी एक वजह पटाखे, तो दूसरी वजह किसानों द्वारा पराली जलाना है। हरियाणा के किसानों पर पराली जलाने के सबसे ज्यादा आरोप लगते हैं, जिस पर अब वहां के सीएम का बयान सामने आया है।
सीएम खट्टर ने कहा कि पराली को बेचा जाना चाहिए, इसे जलाने का कोई कारण नहीं है। फिर भी हम ऐसे सभी किसानों की जानकारी जुटाएंगे, उनसे बात करेंगे और उन्हें समझाएंगे। अगर वे अब भी नहीं समझेंगे तो हम उनके साथ सख्ती करेंगे।
कुछ दिनों पहले भी सीएम खट्टर का बयान इस मुद्दे पर आया था। उस वक्त उन्होंने कहा था कि पराली जलाने के मामले में हमारी लगातार नजर है, कहीं भी ऐसा विषय नहीं है, जिसकी चिंता हमें हो। जितना पहले था उससे कम ही है, उससे ज्यादा नहीं हुआ है। पराली जलाने के मामले बिल्कुल शून्य हों, ऐसा हमारा प्रयास है।
प्रबंधन नीति को मिली मंजूरी
हरियाणा सरकार पराली की समस्या को लेकर गंभीर है। बीते 11 अक्टूबर को चंडीगढ़ में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस बैठक में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उसके आस-पास लगते क्षेत्रों में पराली जलाने के मामलों में कमी लाने, टिकाऊ ऊर्जा के लिए धान की पराली का उपयोग करने और 2027 तक फसल अवशेष जलाने को खत्म करने के लिए पराली एक्स-सीटू प्रबंधन नीति हरियाणा 2023 को मंजूरी दी गई।