हरियाणा में पराली (धान के फसल अवशेष) जलाने पर 331 चालान किए जा चुके हैं। करीब नौ लाख रुपये जुर्माना वसूला जा चुका है। फिर भी विभिन्न स्थानों पर किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। पर्यावरण में जहर घोल रहे ऐसे लोगों पर सख्ती बरती जाएगी।
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने शुक्रवार को हाई लेवल टास्क फोर्स फॉर मैनेजमेंट ऑफ एयर पोल्युशन इन एनसीआर को लेकर आयोजित बैठक में कहा कि पराली को जलाने से रोकने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की जा रही हैं। इसके अलावा आइईसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि पराली से होने वाले प्रदूषण को एनसीआर क्षेत्र में कम किया जा सके।
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान सहित एनसीआर के मुख्य सचिवों ने भाग लिया। हरियाणा के मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में पराली जलाने वाले हॉट स्पॉट की पहचान की गई है। पराली का उपयोग करने और 2027 तक फसल अवशेष जलाने को खत्म करने के लिए पराली एक्स-सीटू प्रबंधन नीति को स्वीकृति प्रदान की गई है।
पराली जलने की घटनाओं को देखते हुए उन्होंने हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों से विशेष सतर्कता रखने के निर्देश दिए है। वहीं, वायु गुणवत्ता को बेहतर रखने के लिए हर संभव उपाय करने के लिए कहा है।