मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक दर्दनाक हादसा हो गया। यहां निर्माणाधीन फ्लाईओवर ब्रिज के पास काम कर रहे चार मजदूर मलबे में दब गए। जिसमें से एक मजदूर की मौत गई, जबकि अन्य गंभीर रूप से घायलों को बड़ी मशक्कत के बाद मलबे से निकाला गया।
बता दें, जबलपुर में मदनमहल से दमोहनाका तक प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाईओवर की चार साल पहले सौगात मिली थी। जिसके निर्माण का कार्य बाहरी एक कंपनी को दिया गया हैं। एक हिस्सा बनकर उसपर आवागमन भी चालू कर दिया गया।
मदनमहल थाना प्रभारी प्रवीण धुर्वे के मुताबिक थाने के नजदीक जहां फ्लाईओवर का कार्य चल रहा हैं, वहां कुछ मजदूर कार्य कर रहे थे। तभी पुलिया के पास की मिट्टी धसकने से मलबे में मजदूर दब गए। आसपास के लोगों ने जैसे ही घटना देखी तो फौरन इसकी खबर प्रशासन को दी। राहत-बचाव के लिए मौके पर टीम पहुंची।
पुलिस की मदद से राहत-बचाव की टीम ने मलबे में दबे मजदूरों को निकाला तो एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि अन्य 6 लोग बुरी तरह जख्मी हैं। जिन्हें तत्काल नजदीकी अस्पताल इलाज के लिए ले जाया गया। घायलों में दो लोगों की हालत गंभीर बनी हुई हैं।
घटना के बाद कलेक्टर एसपी समेत कई जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे। निर्माण एजेंसी के अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही हैं। उधर पुलिस ने लापरवाही का केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी हैं। क्षेत्रीय पार्षद और एमआईसी सदस्य अमरीश मिश्रा और कांग्रेसी कार्यकर्ता भी पहुंचे और निर्माण एजेंसी पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए।
कलेक्टर सौरव कुमार सुमन का कहना है की मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं. पहली प्राथमिकता घायलों के उचित इलाज की हैं। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि इस फ्लाईओवर निर्माण के दौरान उस क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं। आम लोगों के द्वारा भी प्रशासन को कई बार शिकायतें दी गई हैं।