भारत का सौर मिशन आदित्य एल1 पृथ्वी से 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है और पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक निकल गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को कहा कि यह अब सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) की ओर अपना रास्ता तलाश रहा है।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह लगातार दूसरी बार है कि इसरो पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र के बाहर अंतरिक्ष यान भेज सकता है।
यह 19 सितंबर के शुरुआती घंटों में अंतरिक्ष यान के एक महत्वपूर्ण पैंतरेबाज़ी से गुजरने के कुछ दिनों बाद आया है, जो एल 1 लैग्रेंज बिंदु के आसपास अंतरिक्ष यान के 110-दिवसीय प्रक्षेप पथ की शुरुआत का प्रतीक है, जो पृथ्वी और सूर्य के बीच एक संतुलित गुरुत्वाकर्षण स्थान है। सूर्य-पृथ्वी एल1 बिंदु की ओर प्रस्थान! ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (टीएल1आई) पैंतरेबाज़ी सफलतापूर्वक निष्पादित की गई है।
इसको ने एक पोस्ट में कहा कि सूर्य-पृथ्वी एल1 बिंदु की ओर प्रस्थान! ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (टीएल1आई) पैंतरेबाज़ी सफलतापूर्वक निष्पादित की गई है। अंतरिक्ष यान अब एक प्रक्षेप पथ पर है जो इसे सूर्य-पृथ्वी L1 बिंदु पर ले जाएगा। लगभग 110 दिनों के बाद इसे एक प्रक्रिया के माध्यम से L1 के आसपास की कक्षा में स्थापित किया जाएगा।