लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक (नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल) पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए बुधवार (20 सितंबर) को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बिल को बदलाव वाला बताया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा, ”हमारा महिला आरक्षण बिल को समर्थन है, ये महिलाओं के लिए बहुत जरूरी कदम है। महिलाओं ने देश की आजादी के लिए भी लड़ाई लड़ी है। ये लोग हमारे बराबर है और कई मामलों में हमारे से आगे भी है, लेकिन मेरे विचार से यह विधेयक अधूरा है। इसमें ओबीसी आरक्षण को जोड़ा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि, बिल का क्रियान्यवन करने के लिए नई जनगणना और परिसीमन की जरूरत है, लेकिन मेरी राय है कि ये अभी लागू हो सकता है। इसके लिए लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीट अभी आरक्षीत करनी होगी। केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने सदन में कहा, ”विपक्ष जाति जनगणना का मुद्दा उठाता है तो बीजेपी ध्यान हटाने की कोशिश करती है। इसके लिए नया इवेंट करती है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि ओबीसी और भारतीय लोगों का इसपर ध्यान नहीं जाए।
राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार में 90 सेक्रेटरी में से सिर्फ 3 ओबीसी से हैं। उन्होंने कहा, ”संस्थानों में ओबीसी की भागादारी कितनी को लेकर रिसर्च की. नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री है, लेकिन केंद्र सरकार में 90 सेक्रेटरी में से सिर्फ 3 ओबीसी समाज से आते हैं। ये हिंदुस्तान के पांच प्रतिशत बजट को कंट्रोल करते हैं।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद के निचले सदन (लोकसभा) में दावा किया कि ये ओबीसी समाज का अपमान है। कितने दलित और आदिवासी है. इस सवाल का जवाब जाति जनगणना की जरूरत है। जल्द से जल्द हमारे किए गए जनगणना का डाटा रिलीज करिए नहीं तो हम कर देंगे।