प्रधानमंत्राी नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा की उनकी सरकार लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में महिला आरक्षण के प्रावधान वाले ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध है।उन्होंने नये संसद भवन में कार्यवाही के पहले दिन लोकसभा में अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि महिला आरक्षण विधेयक पहले भी कई बार संसद में पेश किया जा चुका है,, लेकिन महिलाओं को अधिकार देने, उनकी शक्ति का उपयोग करने के इस काम के लिए…ईश्वर ने ऐसे कई पवित्र कार्यों के लिए मुझे चुना है। पीएम मोदी ने कहा, “आज इस ऐतिहासिक मौके पर नये संसद भवन में सदन की पहली कार्यवाही के रूप में देश में नए बदलाव का आह्वान किया जा रहा है.।देश की नारीशक्ति के लिए सभी सांसद मिलकर नये प्रवेशद्वार खोल दें. इसका आरंभ हम इस महत्वपूर्ण निर्णय से करने जा रहे हैं।”
पीएम मोदी ने कहा कि आज की नारी शक्ति के मन में किंतु-परंतु का युग खत्म हो चुका है और उन्हें जितनी सुविधाएं दी जाएंगी। वे उतना ही सामर्थ्य दिखाएंगी. उन्होंने कहा, “नया संसद भवन सिर्फ एक नयी इमारत नहीं है बल्कि एक नयी शुरुआत का प्रतीक भी है।
अमृत काल की शुरुआत में ही इस भवन का निर्माण होना और हम सब का प्रवेश होना अपने आप में हमारे देश के 140 करोड़ नागरिकों की आशाओं और आकांक्षाओं में एक नई ऊर्जा भरने वाला बनेगा। नई आशा और विश्वास पैदा करने वाला बनेगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “नए सदन के प्रथम सत्र के प्रथम भाषण में मैं बड़े विश्वास और गर्व से कह रहा हूं कि आज के ये पल, आज का यह दिवस आशीर्वाद प्राप्त करते हुए इतिहास में नाम दर्ज करने वाला समय है। यह हम सबके लिए गर्व करने वाला पल है।
उन्होंने कहा कि महिला नीत विकास के अपने संकल्प को आगे बढ़ाते हुए सरकार आज प्रमुख संविधान संशोधन विधेयक पेश करने जा रही है जिसका लक्ष्य लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी का विस्तार करने का है।
मोदी ने कहा, “नारी शक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा. मैं देश की माताओं, बहनों और बेटियों को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए। बहुत-बहुत बधाई देता हूं.। मैं उन्हें आश्वस्त करता हूं कि हम इस विधेयक को कानून बनाने के लिए संकपबद्ध हैं।