भारत से पहले सौर मिशन संयुक्त राज्य अमेरिका कर चुका है। संयुक्त राज्य अमेरिका पहले इसी तरह का एक मिशन एल-2 क्षेत्र में सूर्य के करीब भेज चुका है। भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान आदित्य एल1 को एक बहुत बड़ा कदम माना जा रहा है। भारत के पहले सौर मिशन आदित्य- एल 1 को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बड़ा अपडेट दिया है। इसरो ने बताया है कि सैटेलाइट पूरी तरह से ठीक है और योजना के मुताबिक सामान्य तरीके से अपना काम कर रहा है।
इसरो ने कहा है कि आदित्य एल-1 ने आज पहली बार अपनी कक्षा बदल दी है और अंतरिक्ष में पहली छलांग लगा दी है। इसरो ने ट्विटर पर लिखा, आदित्य एल-1 ने 235×19500 किलोमीटर की कक्षा से अब सफलतापूर्वक 245×22459 किलोमीटर की कक्षा में प्रवेश कर चुका है। इसे आप सूर्य की ओर पहली छलांग भी कह सकते हैं। इसरो ने बताया है कि, 16 दिनों के दौरान आदित्य एल 1 पांच बार अपनी कक्षा बदलेगा और इसके बाद एल 1 यानी लैग्रेंज प्वाइंट की ओर छलांग लगा देगा।
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सोलर मिशन ‘आदित्य-एल1’ को सफलतापूर्वक 2 सितंबर को 11 बजकर 50 मिनट पर लॉन्च किया है।
‘आदित्य-एल1’ अंतरिक्ष यान धरती से लैग्रेंज प्वाइंट लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी 4 महीने यानी 125 दिन में तय करेगा। जबकि धरती से सूर्य की दूरी 15 करोड़ किलोमीटर है। लैग्रेंज प्वाइंट से ‘आदित्य-एल1’ सूर्य की विभिन्न गतिविधियों, आंतरिक और बाहरी वातावरण का स्टडी करेगा। चंद्रयान की तरह की ‘आदित्य-एल1’ पहले ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा करेगा और उसके बाद अधिक तेजी से सूर्य की ओर उड़ान भरेगा।