केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में बीते गुरुवार 3 अगस्त को देर रात आई त्रासदी में लापता चल रहे बीस लोगों का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन के साथ ही सरकार ने लापता लोगों को ढूंढने के लिए दिन रात एक कर रखा है। इसके बावजूद सफलता नहीं मिल पा रही है।
हादसे के पांचवें दिन भी नहीं मिले लापता 20 लोग: एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरफ, पुलिस, आईटीबीपी, होमगार्ड, पीआरडी और केदारनाथ यात्रा मैनेजमेंट फोर्स के जवान रेस्क्यू कार्य में लगे हुए हैं। लगातार हो रही बारिश और मंदाकिनी नदी का तेज बहाव भी रेस्क्यू कार्य में बाधा पहुंचा रहा है. घटना स्थल पर नदी में गिरी दुकानों की छत हटाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में उम्मीद है कि छत के नीचे कुछ मिल पाए।
3 अगस्त को गौरीकुंड में हुआ था हादसा: बीते गुरुवार रात 11 बजे के आसपास गौरीकुंड में पहाड़ी से गिरे बोल्डरों की चपेट में तीन दुकानें आ गई थीं. दुकानों में रह रहे 23 लोग लापता हो गए थे। 23 लोगों में 20 लोग अभी भी लापता चल रहे हैं। 3 लोगों के शव घटना के अगले ही दिन यानी 4 अगस्त को मिल गए थे। जिनके शव मिले थे, वो नेपाली मूल के नागरिक थे। चार स्थानीय, दो यूपी के आगरा और 14 नेपाली मूल के लोग अभी भी लापता चल रहे हैं। इनकी खोजबीन जारी है।