Sunday , 24 November 2024

हिमाचल में लीज पर जमीन देने के नियम में हुआ बड़ा बदलाव, जानें ?

हिमाचल प्रदेश सरकार ने जमीन की लीज देने के नियम में बड़ा बदलाव किया है। अब जमीन की लीज 40 साल की लिए दी जाएगी। पहले सरकार 99 साल के लिए लीज दे रही थी, लेकिन अब इसमें बदलाव कर इसकी अवधि 40 साल की गई है। प्रदेश सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है।


सुक्खू सरकार ने जमीन की लीज को 99 साल की बजाए 40 साल के लिए किया है। इसके तहत अब उद्योगों, होटलों, धार्मिक संस्थाओं और अन्यों के लिए लीज की अवधि 40 साल की रहेगी। सरकार ने लोगों की आपत्तियां व सुझाव के बाद नियमों में बदलाव किया है। इसको लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने सरकारी जमीन लीज पर देने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब प्रदेश में 40 साल के लिए ही जमीनें लीज पर मिलेंगी। प्रदेश में जहां पहले सरकारें 99 साल के लिए भी जमीनें उद्योगों, सहित अन्य संस्थानों को देती थी. हालांकि, निजी बिजली परियोजनाओं के लिए पहले ही 40 साल की थी, लेकिन अब सभी के लिए इसकी अवधि 40 साल कर दी गई है।

हिमाचल में विलेज कॉमन लैंड्स वेस्टिंग एंड यूटिलाइजेशन एक्ट 1974 और हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग्स एक्ट-1972 के माध्यम से सरकारी जमीन को लीज पर देने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत बनाए गए हिमाचल प्रदेश लीज रूल्स के मुताबिक पहले 99 साल अवधि के लिए भी सरकारी जमीन सस्ती दरों पर लीज पर दी जा रही थी। सरकार ने अब इनके नियमों में बदलाव किया है। सरकार ने संशोधित नियमों को लेकर लोगों के आपत्तियां और सुझाव मांगे थे, इसके बाद अब सरकार ने इन नियमों का फाइनल कर नोटिफाई कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार पर्यटन, उद्योग, विद्युत उत्पादन, स्पोर्टस इंफ्रास्ट्रक्चर या धार्मिक संस्थानों आदि के लिए जमीन लीज पर देती है। सरकार ने इसके लिए लीज की दरें भी अलग से तय की गई हैं। इनके लिए 99 साल पर लीज दी जा रही थी, मगर अब सभी को अधिकतम 40 साल की लीज की सीमा लगाई गई है। इस तरह पहले से करीब आधी लीज की अवधि की गई है। इससे सरकार को फायदा होगा क्योंकि अब 40 साल में लीज की दरों में बदलाव किया जा सकेगा। यही नहीं सरकार इस अवधि के बाद लीज भी वापस ले सकेगी। अभी तक इसके लिए 99 साल तक का इंतजार करना पड रहा था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *