दिल्ली में डेंगू के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। इसी बीच, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीमारी के प्रसार को रोकने के उपायों की समीक्षा की। दरअसल, नगर निकाय द्वारा सोमवार को जारी अंतिम उपलब्ध आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल 22 जुलाई तक राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू के कुल 187 मामले सामने आए हैं, जो 2018 के बाद की अवधि के लिए सबसे अधिक है। दिल्ली नगर निगम द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई के पहले तीन हफ्तों में डेंगू के मामलों की संख्या लगभग 65 थी। जून में यह 40 और मई में 23 थी। इसके अलावा, इसी अवधि में मलेरिया के 61 मामले दर्ज किए गए हैं।
क्या है डेंगू ?
डेंगू एक वायरल संक्रमण है, जो डेंगू वायरस (DENV) के कारण होता है, जो संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है। यह वायरस संक्रमित मादा मच्छरों, मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी मच्छर, के काटने से मनुष्यों में फैलता है। विशेषज्ञों के अनुसार, डेंगू वायरस के चार सीरोटाइप हैं- DENV-1, DENV-2, DENV-3 और DENV-4। स्वास्थ्य मंत्री भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में 20 डेंगू पॉजिटिव नमूनों की जीनोम अनुक्रमण से पता चला है कि इनमें से 19 में स्ट्रेन टाइप-2 था। उन्होंने कहा, टाइप-2 एक गंभीर स्ट्रेन है, जिससे मरीजों को खतरा है, लेकिन रुझान यह भी बताता है कि व्यापक रूप से प्रचलन में केवल एक ही स्ट्रेन है, लेकिन “हम सभी को सतर्क रहने की जरूरत है”।
हाल ही में भारी बारिश और यमुना नदी के बढ़ते जल स्तर के कारण राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में बाढ़ आने से डेंगू फैलने की आशंका बढ़ गई है। स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि स्थिति से निपटने के उपायों के तहत, मच्छरों के प्रजनन के लिए जुर्माना घरों के मामले में 1,000 रुपये और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए 5,000 रुपये तक बढ़ा दिया गया है। एक नागरिक अधिकारी ने कहा कि पहले, घरों के लिए जुर्माने की राशि 500 रुपये थी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को डेंगू रोगियों के लिए बिस्तर आरक्षित करने और अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है।