महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में स्थित इरशालवाड़ी गांव में पहाड़ी धसकने से हुए हादसे में शनिवार सुबह तक 22 लोगों की मौत हो गई है। इस घटना में अब तक 119 लोगों को बचाया है और अभी भी 86 लोग लापता बताए जा रहे हैं। आज तीसरे दिन यहां जारी बचाव कार्य में एक शव निकाला गया है। मौके पर कीचड़ होने, रास्ता न होने और भारी बारिश से मौके पर राहत और बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है।
विधानपरिषद की उपसभापति नीलम गोरहे शनिवार को इरशालवाड़ी में जाकर इस घटना के पीड़ितों से मिलीं। नीलम गोरहे ने यहां गांव वालों को बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस गांव के बच्चों के शिक्षा और पालन पोषण की जिम्मेदारी उठाने की तैयारी दिखाई है। इस गांव में हुए हादसे की वजह से बहुत से बच्चों के सिर से उनके माता-पिता का साया उठ गया है। इसलिए इन सभी बच्चों का हर खर्च श्रीकांत शिंदे फाउंडेशन उठाएगा। फाउंडेशन बच्चों की शिक्षा पूरी होने तक उनकी हर तरह से मदद करेगा।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया था कि यहां के नागरिकों के लिए सिडको के माध्यम से घर बनाने का निर्णय कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। साथ ही गांव के लोगों को रहने, खाने पीने की व्यवस्था शासकीय स्तर पर की गई है।